
Palamu : गुणवत्ता विहीन बीज के कारण धान की फसल में बाली नहीं आने से तरहसी प्रखंड क्षेत्र के 140 किसानों के बीच त्राहिमाम मचा हुआ है. फसल में बाली नहीं आने के कारण किसान परेशान हैं. खेतों में धान की फसल केवल हरे पौधे की तरह लहलहा रही है. किसान खेतों में अपनी फसल को देखकर हताश हैं.
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सहकारिता विभाग द्वारा पैक्सों के माध्यम से प्रखंड के 140 किसानों के बीच 50 प्रतिशत अनुदान पर 75 क्विंटल धान बीज का वितरण किया था. किसानों ने धान बीज को इस उम्मीद के साथ अपने खेतों में लगाए कि उससे बेहतर उपज तैयार होगी, लेकिन निर्धारित समय बीत जाने के बाद धान की फसल में बाली नहीं निकला. इससे किसान मायूस हो गए हैं. उनकी साल भर की मेहनत और हजारों की लागत ऐसे ही बर्बाद होते नजर आ रही है.


शिकायत पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने की जांच




इस संबंध में शिकायत मिलने के बाद प्रखंड कृषि पदाधिकारी दीपक सिन्हा ने बुधवार को प्रखंड के गोगदा, टरिया, सेलारी आदि पंचायत क्षेत्र में धान फसल की जांच की. जांच से स्थिति स्पष्ट हुई. पाया गया कि बड़े पैमाने पर खेतों में लगायी गयी धान की फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गयी है. इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचने वाला है.
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क्यों बनी ऐसी स्थिति?
प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि दरअसल, धान बीज को अधिक पानी वाले नीचास इलाके में लगाने थे, लेकिन किसानों ने जानकारी के अभाव में उचास इलाके में लगा दिए. नतीजा फसल को उचित पानी नहीं मिला. इस कारण उनका प्रोपर वे में उनका डेवलपमेंट नहीं हुआ. अभी बाली फुटने के बाद दाना को पुष्ट होने के लिए भरपूर पानी चाहिए, लेकिन मौसम के लौटने से इसकी उम्मीद दूर दूर तक नहीं दिखती.
सहकारिता विभाग करेगा कार्रवाई
प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि धान बीज का वितरण सहकारिता विभाग द्वारा पैक्सों के माध्यम से हुआ है. इसलिए मामले में जांच प्रतिवेदन बनाकर सहकारिता पदाधिकारी को सौंपा जाएगा. वहां से ही सप्लायर पर कार्रवाई की जाएगी. मुआवजा के लिए भी सहकारिता पदाधिकारी ही कार्रवाई करेंगे.
इधर, समाजसेवी अनिल सिंह और ने कहा कि 70 से 80 प्रतिशत धान फसल बर्बाद हो गयी है. गलत धान बीज देकर किसानों को ठगा गया है. किसानों को न्याय मिलना चाहिए. मुआवजा का जल्द भुगतान के लिए विभाग पर दबाव बनाया जाएगा.
महिला किसान राजपति कुंवर सहित अन्य किसानों ने बताया कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है कि इस स्थिति में वे अब क्यों करें. किसानों ने सहकारिता विभाग से फसल नुकसान का मुआवजा भुगतान अविलंब करने की मांग की है.
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