
Palamu : प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के तीन दिवसीय बंद का दूसरे दिन बुधवार को ग्रामीणों क्षेत्रों में सड़क यातायात पर असर देखने को मिला. सड़क के साथ सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा. कार्यालय तो खुले रहे, लेकिन बाबू गायब पाए गए. बैंक में भी ताला लटका रहा.
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बंद रहे सरकारी बैंक
जिले के नौडीहा बाजार प्रखंड क्षेत्र में भाकपा माओवादी संगठन के तीन दिवसीय बंद के दूसरे दिन इलाके भर में असर देखा गया. इस दौरान नौडीहा बाजार क्षेत्र की सभी दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रहे. छतरपुर-डुमरिया मुख्य मार्ग पर अन्य दिनों की अपेक्षा वाहनों का परिचालन कमतर रहा. वहीं झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक, पंजाब नेशनल बैंक सहित अन्य सरकारी बैंक दूसरे दिन भी बंद रहे.
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नौडीहा बाजार में सरकारी कार्यालय से गायब रहे पदाधिकारी
प्रखंड कार्यालय तो खुले रहे, लेकिन पदाधिकारी कार्यालय से नदारद रहे जिससे कार्य के सिलसिले से सुदूरवर्ती क्षेत्रों के आए ग्रामीण निराश बैरंग लौट गए. इससे ये दर्शाता है कि माओवादी बंदी से पदाधिकारी भी कार्यालय जाने से डरे-सहमे रहे, जबकि नौडीहा बाजार प्रखंड कार्यालय व थाना एक ही परिसर में स्थित है.
फिर भी पदाधिकारी कार्यालय से नदारद रहे. वही नौडीहा बाजार-छतरपुर मुख्य पथ पर छिटपुट वाहनों के परिचालन को छोड़कर भारी वाहनों का परिचालन बंद रहा.
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तरहसी से पांकी होकर रांची नहीं चली चार बसें
जिले के तरहसी से वाया पांकी होकर रांची तक चलने वाली चार बसों का परिचालन नहीं हो पाया. पिछले दो दिनों से चारों बसें जहां तहां खड़ी नजर आयी. गुरूवार को बंदी का अंतिम दिन है. इस दिन भी इन बसों का परिचालन नहीं होने की संभावना है.
नक्सली बंदी के कारण तरहसी के पतरा में स्थित पेट्रोल पंप पर पिछले 48 घंटे से ताला लटका हुआ है. कल भी इस पेट्रोल पंप के बंद रहने की संभावना व्यक्त की गयी है. इसी तरह तरहसी-मनातू मुख्य पथ पर बंदी का असर देखने को मिला. अन्य दिनों की अपेक्षा वाहनों का परिचालन कमतर रहा.
मनातू से होकर पांकी और चतरा जाने वाली सड़क पर भी सन्नाटा पसरा रहा. छिटपुट वाहनों के परिचालन को छोड़कर भारी वाहनों का आना जाना बंद रहा. मनातू, पांकी और चतरा का इलाका सघन नक्सल प्रभावित माना जाता है.
बताते चलें कि 20 नवम्बर को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के भारत बंद के दौरान लातेहार जिले में रेल पटरी उड़ा दिए जाने से भय का माहौल बना हुआ है.
तरहसी से वाया पांकी, बालूमाथ और बिहार को जोड़ने वाले मनातू-डुमरिया मुख्य पथ पर यात्रा करने से लोग परहेज कर रहे हैं. इस मार्ग के बड़े भूभाग पर जंगली क्षेत्र है. पूर्व में इन इलाकों में नक्सलियों ने कई घटनाओं को अंजाम दिया है.
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