
Palamu : वन क्षेत्र में गैर कानूनी तरीके से निवास करने वाले लोगों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार को इस दिशा में अध्यादेश लाने की मांग को लेकर आंदोलन तेज पकड़ लिया है. राज्य स्तर पर शुरू आंदोलन अब जिला स्तर तक पहुंच चुका है. सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा की पलामू जिला इकाई के तत्वावधान में आदिवासियों-मूलवासियों के घरों को उजाड़े जाने का आरोप लगाकर जोरदार प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन करते हुए झामुमो नेता वन विभाग कार्यालय पहुंचे और धरना दिया.
आदिवासियों-मूलवासियों को उजाड़ने की साजिश
मौके पर जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंहा (गुड्डू सिन्हा) ने कि सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश पर यथा स्थिति बहाल करने को लेकर अविलंब अध्यादेश लाया जाये. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जंगल में निवास करने वाले आदिवासियों-मूलवासियों को उजाड़ने की साजिश रच रही है. सरकार की गलत नीतियों का झामुमो हमेशा विरोध किया है और आगे भी करती रहेगी. आदिवासी-मूलवासी काफी मेहनत कर जंगलों में अपने घरों का बनाया है. वन क्षेत्र में उनकी निर्भरता बन गयी है. ऐसे में उन्हें वहां से हटाने पर उनके समक्ष हर तरह की मुसीबत खड़ी हो जायेगी.
विधेयक काला दिन की तरह
झामुमो नेता ने कहा कि सरकार ने पिछले 20 फरवरी को जो विधेयक पारित किया है, वह आदिवासियों-मूलवासियों के लिए काला दिन से कम नहीं है. जल-जंगल-जमीन की रक्षक के रूप में आदिवासी-मूलवासियों को जाना जाता है. राज्य की 80 प्रतिशत आबादी आज भी जंगलों में निवास करती है. इस स्थिति में जंगल में घर बानकर रहने वालों को उजाड़ने का विधेयक राज्यहित के खिलाफ है.
संघर्ष होगा तेज
पार्टी के युवा नेता अभिमन्यू सिंह ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा आदिवासी-मूलवासियों के अधिकारों को लेकर लगातार संघर्ष करते रहेगा. झामुमो से ही राज्य का विकास संभव है. भाजपा गरीबों के नाम पर अमीरों के लिए काम कर रही है.
प्रदर्शन में इनकी रही भागीदारी
प्रदर्शन में संजीव कुमार तिवारी, सुनील कुमार तिवारी, राजमुनी मेहता, रमेश सिंह, मोहम्मद इकबाल अहमद, मोहम्मद नेहाल अहमद, बृजनंदन सिंह, वशिष्ट कुमार सिंह, सत्येंद्र नारायण पांडेय, कलाम खान, जिला परिषद कौशर आरा, राजेश कुमार आदि शामिल थे.