
Palamu: पलामू जिले के छतरपुर में कई माइंस सुरक्षा मानकों का पालन किये बगैर चल रही हैं. कागजों पर सुरक्षा नियमों की लंबी चौड़ी दलील देकर यहां मजदूरों से जैसे-तैसे काम कराया जाता है. नतीजा मजदूर हादसे के शिकार हो जाते हैं. शुक्रवार को एक माइंस में कुछ इसी तरह की घटना हुई.
देखें वीडियो
नहीं की गयी थी बैरिकेडिंग
छतरपुर नगर पंचायत के करमाकला में बिना बैरिकेडिंग (घेराव) किये चल रही एमजीसीपीएल माइंस में हादसा हो गया. एक अनट्रेंड चालक (माइंस का मुंशी) पानी का टैंकर लेकर गहरी माइंस के संकीर्ण रास्ते से ऊपर चढ़ रहा था.
इसी बीच बैरिकेडिंग नहीं किये जाने से चालक का संतुलन बिगड़ गया और वह टैंकर सहित 60 से 70 फीट गहरी खाई में गिर गया. उसकी मौके पर ही मौत हो गयी. घटना के बाद मजदूर के परिजनों ने माइंस प्रबंधन से 50 लाख रुपये मुआवजा की मांग की है. नहीं देने पर आन्दोलन की चेतावनी दी है.
इसे भी पढ़ें – ऊर्जा सचिव वंदना डाडेल की रिपोर्ट पर तत्कालीन JBVNL MD राहुल पुरवार को कार्मिक की तरफ से नोटिस
हमेशा बना रहता था हादसा का खतरा
माइंस के मजदूरों के अनुसार सुबह करीब 9 बजे छतरपुर के भैरवाडीह निवासी और माइंस के मुंशी मनोज यादव (45वर्ष) सौ फीट गहरी माइंस के अंदर जमा पानी टैंकर में भर कर जैसे-तैसे बाहर निकल रहे थे. गहरी माइंस से ऊपर आने का रास्ता काफी संकीर्ण था.
रास्ता खतरनाक रहने के कारण हमेशा हादसे का खतरा बना रहता था. जिसका डर था हुआ भी वही. पूरी तरह ट्रेंड नहीं रहने के कारण चालक संकीर्ण रास्ते को पार नहीं कर पाया और नीचे माइंस में ही टैंकर लेकर गिर गया.
मुंशी से कराया जा रहा था चालक का कार्य
मृत मुंशी के छोटे भाई अनुज यादव और छोटू यादव ने बताया कि माइंस में उनके भाई से कई तरह के कार्य कराये जाते थे. वैसे तो वे मुंशी के तौर पर वहां काम कर रहे थे, लेकिन उनसे टैंकर चलाने का भी काम लिया जाता था. बेरोजगारी के कारण उसका भाई माइंस प्रबंधन की मनमानी का शिकार हो गया. दोनों ने कहा कि माइंस प्रबंधन अगर उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया तो ग्रामीणों के साथ आन्दोलन तेज किया जायेगा.
इसे भी पढ़ें – #Coal_India : कोयले का उत्पादन 3.9 प्रतिशत घटा, बिजली क्षेत्र को कोयला आपूर्ति में सात प्रतिशत गिरावट
माइंस मालिक नितिन गुप्ता ने नहीं दिया कोई जवाब
इस संबंध में एमजीसीपीएल माइंस प्रबंधन का पक्ष लेने के लिए मालिक नितिन गुप्ता से उनके मोबाइल नंबर 80841 25747 पर संपर्क किया गया, लेकिन जैसे ही उन्होंने सुना कि पत्रकार बोल रहे हैं, उन्होंने फोन काट दिया. दोबार कॉल करने पर फोन नहीं उठाया. तीसरी बार कॉल करने पर पुनः फोन काट दिया.
माइंस में नहीं थी कोई बैरिकेडिंग: छतरपुर पुलिस
घटना के बाद मौके पर पहुंची छतरपुर पुलिस ने शव को कब्जे में लिया. थाना के भूपेन्द्र कुमार ने बताया कि मनोज यादव हादसे के शिकार हुए. उनका शव खाई में मिला. पूछे जाने पर बताया कि माइंस एरिया पूरी तरह खुला हुआ था और बैरिकेडिंग नहीं की गयी थी. मामले की छानबीन की जा रही है.
इसे भी पढ़ें – भाजपा ने पूछा, #AIMIM नेता वारिस पठान के बयान पर क्यों चुप हैं तथाकथित लिबरल?