
Palamu : पलामू टाइगर रिजर्व के छिपादोहर पश्चिमी वन क्षेत्र में एक कच्चे अर्द्धनिर्मित कुएं में गिरे हाथी के बच्चे को उसके झुंड से मिला दिया गया है. हाथी के बच्चे को उसके झुंड से मिलाने में वनकर्मियों के एक दल को 30 घंटे जंगल में समय बिताने पड़े. उनके अथक प्रयास से हाथी का बच्चा अपने दल से मिल पाया. वन विभाग ने इन वनकर्मियों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है.
विदित हो कि छिपादोहर पश्चिमी वन क्षेत्र के करम पानी गांव में गत गुरुवार 14 अक्टूबर की रात हाथियों के झुंड के वापस जंगल जाने के क्रम में एक हाथी का बच्चा जंगल में बने पुराने कुएं में गिर गया था. शुक्रवार की अहले सुबह ग्रामीणों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी थी.
बुधवार को टाइगर प्रोजेक्ट के उपनिदेशक कुमार आशीष ने इस पूरे घटनाक्रम की पुष्टि की और बताया कि हाथी के छोटे बच्चे को झुंड से मिलाने वाले वनकर्मियों को पुरस्कृत किया जायेगा. हाथी का आठ वर्ष का बच्चा 15 फीट के कुएं में गिर गया था. उसे निकालने में ग्रामीणें को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. वन विभाग के अधिकारी जबतक कुएं में से हाथी के बच्चे को निकालने पहुंचते, तबतक ग्रामीणों ने उस 15 फीट के कुएं में साल के पटरों को डालना शुरू कर दिया. उस पटरे पर पैर रख-रख कर हाथी का बच्चा बाहर आ गया.


वन विभाग के अधिकारियों ने आठ सदस्यीय टीम बनायी. उस टीम को जिम्मेवारी दी गयी कि झुंड से बिछुड़ चुके इस बच्चे को वापस इसके झुंड से मिलवाया जाए. दल का नेतृत्व फॉरेस्टर अखिलेश्वर कुमार यादव अन्य वन रक्षियों के साथ कर रहे थे. इन वनकर्मियों को उस बच्चे को उस झुंड से मिलवाने के लिए 30 घंटे जंगल में हाथी के चिंघाड़ते बच्चे को पीछे-पीछे कूदने पड़े. तब जाकर हाथी का बच्चा का मिलन अपने झुंड से हो पाया. पीटीआर के अधिकारियों ने इनती सतर्कता इसलिए भी बरती कि वर्ष 2017 एवं 2019 में दो हाथी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.




एक सवाल के जवाब में उपनिदेशक ने बताया कि वर्ष 2016 से लेकर 2021 तक कुल आठ हाथियों की मौत पीटीआर में हुई है. इसमें एक अनारकली, जो 72 साल की थी, उसकी स्वभाविक मौत हुई थी. इसके अलावा दो हाथियों की हत्या हुई है. अन्य हाथी बीमारियों के शिकार हुए.
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