
Palamu : झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के कथित अमानवीय व्यवहार से एक बुजुर्ग किसान पिछले छह माह से परेशान हैं. इस परेशानी को दूर करने के लिए बुजुर्ग किसान द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक न्याय की गुहार लगायी गयी है, लेकिन अब तक उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिल पायी है.
बता दें कि मेदिनीनगर सदर प्रखंड क्षेत्र के सिंगराखुर्द निवासी लव कुमार शुक्ला को वर्ष 2008 में 50 हजार रुपये का केसीसी ऋण स्वीकृत हुआ था. उन्हें 2020 में ऋण चुकता करना था. इसी बीच झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक की डालटनगंज शाखा ने 9 जून 2020 को नोटिस भेजकर ऋण नवीनीकरण एकमुश्त समझौता कराने की जानकारी दी. उस समय कोरोना महामारी चरम पर थी और बुजुर्गों के घर से बाहर निकलने की मनाही थी. इसके बाद भी 8 जुलाई 2020 को लव कुमार शुक्ला सिंगराखुर्द गांव से पैदल चलकर ग्रामीण बैंक शाखा पहुंचे और शाखा प्रबंधक को आवेदन देकर महामारी का हवाला देते हुए कुछ दिनों का समय मांगा.
आवेदक का कहना है कि आवेदन को उसी दिन शाखा प्रबंधक द्वारा रिसीव किया गया. मौखिक रूप से ऋणधारक को शाखा प्रबंधक द्वारा बताया गया कि उन्हें समय दिया जायेगा. यहां से निकलकर लव कुमार शुक्ला धान का बीज खरीदने के लिए कुछ पैसे निकालने के लिए रेड़मा स्थित ग्रामीण बैंक की दूसरी शाखा में गये. यहां उनका बचत खाता है. पैसे निकालने के लिए जब उन्होंने फॉर्म भरा तो उन्हें बताया गया कि सात जुलाई 2020 को ही उनके खाते पर होल्ड लगा दिया गया.
लव कुमार शुक्ला ने कहा कि 8 अगस्त को आवेदन देने के बाद भी शाखा प्रबंधक ने उन्हें खाता पर होल्ड लगने की जानकारी नहीं दी. मामले में जब शाखा प्रबंधक से शिकायत की, तो उन्होंने कहा कि मामले को देख रहे हैं. उन्हें इस सिलसिले में कभी आठ दिन, तो कभी 10 दिन पर बुलाकर परेशान किया गया, लेकिन निदान नहीं निकाला गया. इसी बीच शाखा प्रबंधक ने कहा कि अब उनसे कोई समझौता नहीं किया जायेगा. पुनः 29 अक्टूबर को आवेदन दिया गया, इस पर शाखा प्रबंधक ने ऋणधारक को काफी जलील किया.
बाद में बर्बरता दिखाते हुए रेड़मा शाखा के बचत खाता से 94 हजार रुपये केसीसी खाता में 10 नवंबर 2020 को समाहित कर लिया गया. साथ ही प्रतिभूति के रूप में जमा 25 हजार रुपये सूद समेत 68 हजार 803 रुपये को भी केसीसी खाते में समाहित कर लिया गया. जबकि, ऋणधारक ने 5 नवंबर 2020 को क्षेत्रीय प्रबंधक को भी आवेदन देकर एकमुश्त समझौता का आग्रह किया था.
ऋणधारक ने मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय, आरबीआई, झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष, मुख्य प्रबंधक नाबार्ड सहित अन्य को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी. ऋणधारक ने कहा कि पीएमओ पोर्टल पर की गयी शिकायत पर सुनवाई हुई, लेकिन झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक रांची ने उनका पक्ष जाने बिना एकतरफा फैसला लेते हुए पीएमओ की शिकायत बंद कर दी. हालांकि, इस संबंध में 5 जनवरी 2021 को लव कुमार शुक्ला ने पुनः पीएमओ को जानकारी दी है.
इधर, ग्रामीण बैंक की डालटनगंज शाखा के प्रबंधक से उनका पक्ष जानने के लिए मोबाइल नंबर …..96431 पर संपर्क किया गया, लेकिन उनका मोबाइल नंबर सेवा में नहीं था.