
- वर्ष 2019 में करीब आठ हजार लोगों की हुई थी HIV जांच
- वर्ष 2020 में अब तक महज साढ़े चार हजार लोगों की ही हुई जांच
Dilip Kumar
Palamu : कोरोना की तरह ही एड्स भी खतरनाक बीमारी है. लेकिन, कोरोना काल में पलामू जिले में एड्स के नये मामले अपेक्षाकृत कम ही सामने आये हैं. इस वर्ष एड्स रोगियों के आंकड़े पिछले वर्ष के मुकाबले कम हैं.
इस साल सिर्फ 34 एड्स रोगी
विश्व एड्स दिवस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिये गये आंकड़ों के अनुसार 2019 के मुकाबले इस वर्ष (2020 में) 16 कम रोगी मिले हैं. पिछले वर्ष जहां एड्स रोगियों की संख्या 50 थी, वहीं इस वर्ष अब तक यह संख्या मात्र 34 है. आंकड़ों में आयी कमी से स्वास्थ्य विभाग उत्साहित है और इस कमी को लगातार चलाये जा रहे जागरूकता अभियान का असर बता रहा है. मंगलवार को भी जिला स्वास्थ्य समिति फर्ज लक्षित हस्तक्षेप परियोजना, एचआईवी नेटवर्क द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया.
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आंकड़े कम होने के कई कारण
इस साल एड्स रोगियों की संख्या कम होने पर स्वास्थ्य विभाग उत्साह से लबरेज है और अपनी पीठ थपथपा रहा है, लेकिन रोगियों की पहचान नहीं होने के कई कारण हैं. कोरोना संक्रमण की तरह ही एड्स की जांच कराने से लोग कतराते हैं. इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन होने के बाद हजारों की संख्या में बाहर से मजदूरों को लाया गया. लेकिन, अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद ऐसे ज्यादातर मजदूर फिर बड़े शहरों में काम करने लौट गये हैं. अक्सर बाहर रहनेवाले लोग एड्स जैसी खतरनाक बीमारी के प्रति जागरूक नहीं हो पाते. ऐसे लोगों की जांच नहीं हो पायी है. कोरोना संक्रमण के कारण जांच का दायरा सिमटकर रहने से एक बीमारी के रोगियों की संख्या में कमी देखी जा रही है.
जांच में आयी भारी कमी
इस वर्ष जांच में भारी कमी आयी है, जबकि काउंसलिंग भी कम हुई है. इस वर्ष काउंसलिंग की बात करें, तो इसके आंकड़े 4461 हैं, जबकि पिछले वर्ष 79085 थे. इसी तरह जांच के आंकड़ों पर गौर करें, तो इसमें में भी भारी कमी आयी है. पिछले वर्ष 7940 लोगों की जांच हुई थी, जबकि इस वर्ष 4440 लोगों की ही जांच हो पायी है.
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पलामू में एचआईवी पीड़ितों की कुल संख्या 945
मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल समेत विश्रामपुर सीएचसी, हुसैनाबाद सीएचसी, हरिहरगंज सीएचसी परिसर में संचालित इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर में जांच करानेवालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. पलामू में अक्टूबर 2020 के आंकड़ों के अनुसार एचआईवी पीड़ितों की कुल संख्या 945 तक पहुंच गयी है. इसमें महिला रोगियों की संख्या 458 और पुरुषों की 487 है. कुल 61 हजार 369 लोगों की काउंसलिंग और 60 हजार 742 लोगों की जांच के बाद इतने लोगों को पीड़ित पाया गया.
34 एचआईवी पीड़िता गर्भवती महिलाओं के 30 शिशु संक्रमणमुक्त
आंकड़ों के अनुसार, अब तक एचआईवी पीड़ित 34 गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया. इनमें से 30 के शिशु संक्रमणमुक्त हैं. वहीं, सिर्फ एक शिशु को संक्रमित पाया गया. जबकि, तीन अन्य शिशुओं की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आयी है.
पिछले पांच वर्षों के आंकड़े
वर्ष | काउंसलिंग | जांच |
2015 | 6426 | 6341 |
2016 | 4879 | 4803 |
2017 | 4709 | 3993 |
2018 | 4865 | 6882 |
2019 | 79085 | 7940 |
2020 | 4461 | 4440 |
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