
Palamu: पलामू जिले के पांकी को अनुमंडल बनाने की मांग को लेकर चलाए जा रहे आन्दोलन के क्रम में मंगलवार को अनुमंडल संघर्ष समिति के तत्वावधान में एक दिवसीय धरना दिया गया.
धरना के बाद समिति द्वारा पांकी को अनुमंडल बनाने सहित 15 सूत्री मांग पत्र मुख्यमंत्री को संबोधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा गया. धरना में कई राजनीतिक दलों के लोग शामिल हुए.
30 वर्ष से की जा रही मांग


मौके पर पांकी विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सह संघर्ष समिति के संयोजक लाल सूरज ने कहा कि पांकी को अनुमंडल बनाने के लिए लगभग 30 वर्षों से मांग की जा रही है. परंतु पांकी, तरहसी और मनातू की जनता को बिहार के समय से ही नजरअंदाज किया जा रहा है. झारखंड अलग राज्य बनने के पश्चात भी यह मांग उठती रही, लेकिन किसी भी राजनीतिक पार्टी या सरकार ने अभी तक पांकी को अनुमंडल बनाने के लिए सकारात्मक पहल नहीं की.




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पांकी पिछड़ा और नक्सल प्रभावित इलाका
कहा कि यह अत्यंत पिछड़ा इलाका है. यहां पर सबसे अधिक अनुसूचित जाति-जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के लोग निवास करते हैं. यह क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित में आता है. यहां के मजदूर किसान बाहर पलायन करते रहते हैं, लेकिन इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि अनुमंडल के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का काम करते हैं.
नोमिनेट पूर्व जनप्रतिनिधि के मंसूबे नहीं होंगे सफल
लाल सूरज ने कहा कि एक नोमिनेट पूर्व जनप्रतिनिधि यह कहते हैं कि हमने अपनी जमीर नहीं बेची. मैं उनसे पूछना चाहता हूं तो क्या पांकी विधानसभा की जनता का आप जमीर खरीदना चाहते हैं. अगर यह सोच रहें हैं तो यह आपकी भूल है.
न ही कोई पांकी की जनता अपनी जमीर बेचेगी न ही कोई जमीर खरीद सकता है. अगर आप हरिश्चंद्र हैं तो आपके पास अकूत संपत्ति कहां से आयी? यह पांकी जनता जानना चाहती है.
धरना में ये थे उपस्थित
कार्यक्रम को समिति के वरीय उपाध्यक्ष मोहम्मद इकबाल अहमद, अकमल खान, प्रमोद सिंह, राजकुमार दुबे, मुखिया रविंद्र नाथ पासवान, कमलेश सिंह, सुरेन्द्र सिंह, कामाख्या नारायण सिंह, पूर्व मुखिया अंजू सिंह, मुखिया रीता देवी, मुखिया कांति देवी, रविंद्र पासवान, सुरेंद्र सिंह, परमेश्वर सिंह, नरेश लाल यादव, शंकर यादव, दिलीप ठाकुर, भागलपुरी यादव, भुवाली यादव, अंजनी गुप्ता, विश्वनाथ साहू, प्रमोद सिंह, अरविंद सिंह ने भी संबोधित किया. अध्यक्षता जमाल अंसारी ने की, जबकि संचालन श्याम नंदन ओझा ने किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.
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