
Palamu: लोगों की गाढ़ी कमाई लेकर फरार हुई एवीआइ नामधारी सेविंग एंड क्रेडिट के चेयरमैन भगवान सिंह नामधारी के अध्यक्ष के घर गुरुवार को सीबीआइ द्वारा छापामारी की गयी.

छापामारी में टीम को कई तरह के कागजात, कंप्यूटर के हार्ड डिस्क हाथ लगे हैं. सीबीआइ उन्हें खंगालने में जुटी हुई है. हालांकि, जांच दल ने इस मामले में विस्तृत जानकारी देने से इन्कार कर दिया.

अधिकारियों ने कहा कि अभी छापमारी चल रही है. जानकारी सार्वजनिक होने से जांच प्रभावित हो सकती है.
गरीब परिवारों के करोड़ो रुपये जमा हुए थे
विदित हो कि मध्यवर्गीय और गरीब परिवारों का करोड़ों रुपये एवीआइ में जमा हुए थे. पिछले दिनों जब अन्य चिटफंड नन बैंकिंग कंपनियों के साथ एवीआइ को सील किया गया तो उसके बाद कंपनी के चेयरमैन मेदिनीनगर छोड़कर फरार हो गये.
झारखंड सरकार की अनुशंसा और बकायेदारों और एजेंटों द्वारा हाईकोर्ट में मामला ले जाने पर सीबीआइ की जांच तेज की गयी है.
जांच के दौरान सीबीआइ की 10 सदस्यीय टीम गुरुवार को मेदिनीनगर के नावाटोली स्थित एवीआइ चेयरमैन के आवास पर पहुंची और जरूरी सबूत की तलाश में जुट गयी.
सीबीआइ की टीम घर के हर कमरे की तलाशी में जुटी है. भगवान सिंह नामधारी के घर पर भारी संख्या में ग्राहकों का पासबुक, ननबैंकिंग से जुड़े कागजात और कम्प्यूटर सीबीआइ को मिले हैं.
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45 करोड़ रुपये हैं बकाया
चिट फंड कंपनी एवीआइ ननबैंकिंग पर पलामू के लोगों का 45 करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें भगवान सिंह नामधारी के खिलाफ केस दर्ज हैं. सीबीआइ चिट फंड के इस मामले की जांच कर रही है.
सीबीआइ की दस सदस्यीय टीम सुबह 10 बजे से घर के हर कमरे के तलाशी में जुटी है. भगवान सिंह के घर पर भारी संख्या में ग्राहकों का पासबुक, ननबैंकिंग से जुड़े कागजात और कम्प्यूटर सीबीआइ को मिले हैं.
कई स्तरों पर शुरू है जांच
मालूम हो कि इसके पूर्व सीबीआइ ने जांच के क्रम में सर्किट हाउस में कई दिनों तक विशेष कैम्प लगाकर ग्राहकों और एजेंट से बकाया रकम की जानकारी ली थी.
हालांकि ग्राहकों के बकाया रकम के संबंध में सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि ग्राहक के क्लेम और कागजातों के मिलान के बाद ही रकम स्पष्ट हो पायेगी.
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आरबीआइ के गाइडलाइन पर हुई थी कार्रवाई
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा ननबैंकिंग को अवैध ठहराये जाने के बाद पलामू में ननबैंकिंग के धंधे में जुटी कई कम्पनियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी थी.
मेदिनीनगर मुख्य बाजार पंचमुहान से सटे एचएस पैलेस में संचालित एवीआइ ननबैंकिंग को अक्टूबर-नवम्बर 2013 में सील किया गया था.
एवीआइ की तरह शहर में संचालित दो दर्जन चिटफंट कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गयी थी.
उपायुक्त ने की थी कार्रवाई, उस समय थे प्रोबेशनर आइएएस अधिकारी
जिले के वर्तमान उपायुक्त डॉ शान्तनु कुमार अग्रहरि उस वक्त प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी थे, डॉ अग्रहरि के नेतृत्व में ही कार्रवाई की गयी थी.
कार्रवाई के बाद एवीआइ ने कुछ ग्राहकों को पैसा वापस भी किये थे, लेकिन अचानक ही करीब पांच साल पहले भगवान सिंह नामधारी शहर और घर छोड़ कर भाग निकला.
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