
Palamu: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश शुक्रवार को दलबल के साथ पिछले दिनों जबरन खदेड़े गए मुसहर परिवारों से मिलने पलामू पहुंचे. पांडू थाना के पुराने भवन (कैंप) में पहुंचे दीपक प्रकाश के साथ राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, डालटनगंज के विधायक आलोक चौरसिया, छतरपुर की विधायक पुष्पा देवी एवं विश्रामपुर के विधायक रामचन्द्र चन्द्रवंशी के साथ मुसहर परिवारों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. जानकारी लेने के क्रम में उन्होंने इस पूरी घटना के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया.
कटघरे में है राज्य सरकार और उसके अधिकारी: BJP
मुलाकात के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरीके से ज्यादती की गयी है, उससे साफ लगता है कि एक पक्ष को संरक्षण प्राप्त था. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वे इस पूरे घटना के संबंध में हुई प्राथमिकी को देखेंगे और उसमें यह पता लगाया जायेगा कि जिस तरीके से छोटे बच्चों को अपहरण कर ले जाया गया, क्या उसमें अपहरण का मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने प्रभावित मुसहर परिवारों को आश्वस्त किया कि उन्हें जहां से उजाड़ा गया है, उन्हें पुनः वहीं बसाया जायेगा एवं वहीं पर भव्य मंदिर का निर्माण भी होगा. दीपक प्रकाश ने कहा कि अभी भी प्रशासन गिरफ्तारी करने में कोताही बरत रहा है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कमिटी आंदोलन करने पर बाध्य हो जायेगी. उन्होंने विश्रामपुर केे विधायक रामचन्द्र चन्द्रवंशी की प्रशंसा करते हुए कहा कि जैसे ही तकलीफ की सूचना मिली विधायक जी अनाज, कपड़े लिए आप सबके बीच पहुंच गए. आगे भी कोई परेशानी होगी तो आप बेहिचक विधायक जी से संपर्क करें.
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क्या हुई थी घटना
बताते चलें कि चार दिन पूर्व मुसहर परिवारों को मुरूमातू गांव से एक समुदाय विशेष के ग्रामीणों ने अवैध कब्जा का आरोप लगाते हुए गांव से खदेड़ दिया था. इसके बाद मुसहर परिवार जिनकी संख्या कुल 47 है. इसमें महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल हैं, उन्हें प्रशासन ने पांडू के पुराने थाने भवन में शिफ्ट कर दिया है. इस घटना के बाद से लगातार विभिन्न राजनीतिक संगठन के लोग वहां पहुंच रहे हैं और मुसहरों की आपबीती सुन रहे हैं.
मामले में राजभवन भेजी गई रिपोर्ट
इधर, प्रशासनिक कार्रवाई भी तेज हो गई है. जिला प्रशासन ने इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट राजभवन को सौंप दी है. पुलिस प्रशासन ने घटना में शामिल मुखिया समेत पांच नामजद लोगों को गिरफ्तार भी किया है. हालांकि जिला प्रशासन द्वारा इस पूरे विवाद में जमीन को ही कारण माना है. जिला प्रशासन का कहना है कि मुसहर परिवारों के पास जमीन पर दावे से संबंधित कोई कागजात उपलब्ध नहीं है, जबकि दूसरा पक्ष विवादित भूमि को मदरसे की भूमि बता रहा है. इस पूरी जमीन की प्रवृति की जांच प्रशासन कर रहा है.