
Palamu : झारखंड में पुलिस को पब्लिक फ्रेंडली बनाने की तमाम कोशिशों के बावजूद इसमें सफलता नहीं मिल पा रही है. पुलिस अपनी बदनाम छवि को बदल नहीं पा रही है. तकनीकी जमाने में ऐसे मामले सामने आने पर कार्रवाई में देरी नहीं हो रही है और पुलिस पदाधिकारी तत्काल सस्पेंड होते जा रहे हैं. ताजा मामला एक बार फिर पलामू जिले से सामने आया है.
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जिले के हुसैनाबाद थाना के एएसआई नीलाम्बर यादव का एक वाहन के सीज पेपर देने के एवज में 5 हजार रूपये घूस मांगने का वीडियो वायरल हुआ. कुछ जानकार बता रहे हैं कि यह वीडियो एक सप्ताह से हुसैनाबाद क्षेत्र में वायरल था.
लेकिन इस सिलसिले में किसी ने ना तो यह समाचार पत्रों में इस मामले को प्रकाशित किया और ना ही पुलिस के वरीय अधिकारियों ने इस पर संज्ञान लिया. सब कुछ सामने रहने के बावजूद मामले को नजर अंदाज किया गया.
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मंत्री और डीजीपी को ट्विटर पर शिकायत करने के बाद हुई कार्रवाई
रविवार की शाम वायरल वीडियो हुसैनाबाद के विधायक कमलेश कुमार सिंह तक पहुंच गया. मामले में विधायक ने सक्रियता दिखायी. और अपने सोशल मीडिया प्रभारी प्रिंस कुमार के माध्यम से मामले से राज्य के पीएचइडी मंत्री मिथिलेश ठाकुर, डीजीपी एमवी राव और पलामू पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया.
मामले पर क्या कहा मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने
ट्विटर पर शिकायत के तुरंत बाद ही मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा से जांच कर कार्रवाई करने का आग्रह किया. मंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे पुलिस वालों की वजह से झारखंड सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त माहौल बनाने का प्रयास विफल साबित हो रहा है.
.@MVRaoIPS कृपया जांच कर दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करें ! ऐसे पदाधिकारी माननीय मुख्यमंत्री जी के भ्रष्टाचार मुक्त झारखंड की मुहिम में बाधक हैं !
त्वरित कार्रवाई हो ताकि जनता का विश्वास ना खोया जा सके ! पुराने संस्कार बदलने होंगे… ऐसा संदेश दिया जा सके !@HemantSorenJMM https://t.co/eFQAfGzM07— Mithilesh Kumar Thakur (@MithileshJMM) June 28, 2020
ऐसे में तत्काल कार्रवाई करने से जनता के विश्वास को जीता जा सकता है. साथ ही पुरानी संस्कृति और संस्कार को बदलने की जरूरत है.
एसपी ने तत्काल की कार्रवाई
मंत्री और डीजीपी के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई की. हुसैनाबाद एसडीपीओ जीतेन्द्र कुमार से मामले में जांच करायी और सही पाकर एएसआई को निलंबित कर दिया. साथ ही रीट्वीट कर मामले से मंत्री से और पुलिस मुख्यालय को भी अवगत करा दिया.
क्या है मामला?
दरअसल, 22 दिसम्बर 2019 में बिहार के औरंगाबाद जिले के अंबा के महावीरगंज निवासी विकास कुमार का वाहन हुसैनाबाद के जपला में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. कोर्ट से विकास कुमार को जमानत मिल गयी थी. हुसैनाबाद थाना से वाहन जब्ति और कार्रवाई से संबंधित पेपर कोर्ट में जमा करना था. जब विकास कुमार ने इस सिलसिले में हुसैनाबाद थाना के एएसआई नीलाम्बर यादव से संपर्क किया तो उसने पांच हजार रूपये घूस मांगा.
वीडियो में एएसआई कह रहा था कि पांच हजार में से तीन हजार बड़ा बाबू को देना है, जबकि दो हजार रूपये वह स्वयं रखेगा. लेकिन युवक ने इसी समय नीलाम्बर यादव का घूस मांगने से संबंधित वीडियो बना लिया था.
गौरतलब है कि 27 जून को पुलिस अधीक्षक ने चैनपुर थाना के एक एएसआई और मुंशी को सस्पेंड किया था. एएसआई मो. मुस्तफा ने जहां पेट्रोलिंग के दौरान हेलमेट नहीं पहनने के आरोप में क्षेत्र के कंकारी के मुन्ना कुमार की मोटरसाइकिल जब्त की थी. जबकि मुंशी ब्रजकिशोर राय उसे छोड़ने के एवज में चौकीदार नंदन मांझी के साथ मिलकर दो हजार रूपये घूस मांगा था.
चौकीदार और मुंशी को एक दिन पहले एसीबी ने घूस लेते गिरफ्तार किया था. जबकि अगले दिन एसपी ने एसआई और मुंशी को निलंबित कर दिया था. इस सिलसिले में चैनपुर के इंस्पेक्टर आऱआर शाही और थाना प्रभारी सुनीत कुमार को शोकॉज किया गया था.
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