
Uday Chandra
New Delhi : कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली में चल रहे आंदोलन में पंजाब के किसान बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. माना जा रहा है कि नये कृषि क़ानूनों को लेकर सबसे अधिक गुस्सा पंजाब में ही है. लेकिन इस बीच ख़बर है कि पंजाब के किसानों को एमएसपी पर धान खरीद में सबसे ज्यादा फायदा हुआ, पूरे देश की कुल खरीद में 43 फीसदी हिस्सेदारी अकेले पंजाब की है.
दरअसल, खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों/ केंद्र-शासित प्रदेशों में सुचारू रूप से चल रही है.
पिछले वर्ष के 378.35 लाख मीट्रिक टन की तुलना में इस वर्ष (29.12.2020 तक) 472.00 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है जिसमें 24.75% की वृद्धि दर्ज की गयी.
472.00 लाख मीट्रिक टन की कुल खरीद में से अकेले पंजाब ने 202.77 लाख मीट्रिक टन का योगदान दिया है, जो कुल खरीद का 42.96% है. 89113.73 करोड़ के एमएसपी मूल्य के साथ केएमएस खरीद प्रक्रिया से लगभग 59.32 लाख धान के किसान लाभान्वित हुए हैं.
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59.32 लाख किसानों को फायदा
वर्तमान में जारी केएमएस खरीद संचालन के तहत 89113.73 करोड़ रुपये मूल्य के धान की खरीद की गयी है और इससे लगभग 59.32 लाख किसानों को फायदा पहुंचा है.
इसके अलावा, राज्यों से प्रस्ताव के आधार पर खरीफ विपणन सीजन 2020 के लिए तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, ओड़िशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश राज्यों से मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 51.66 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद के लिए मंजूरी दी गयी थी.
इसके अलावा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों के लिए कोपरा (बारहमासी फसल) की 1.23 लाख मीट्रिक टन की खरीद को भी मंजूरी दी गयी.
पीएसएस के तहत अन्य राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों से खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर दलहन, तिलहन और कोपरा के लिए भी मंजूरी दी जायेगी ताकि अधिसूचित फसल अवधि के दौरान बाजार दर एमएसपी से कम होने की स्थिति में वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित एमएसपी के आधार पर इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद, राज्य की ओर से नामित खरीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सीधे पंजीकृत किसानों से की जा सके.
29 दिसंबर 2020 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 1312.92 करोड़ रुपये की एमएसपी मूल्य वाली मूंग, उड़द, मूंगफली की फली और सोयाबीन की 245279.85 मीट्रिक टन की खरीद की है जिससे तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के 1,32,600 किसान लाभान्वित हुए हैं.
इसी तरह, 29 दिसंबर 2020 तक 52.40 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर 5089 मीट्रिक टन कोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद की गयी है, जिससे कर्नाटक और तमिलनाडु के 3961 किसान लाभान्वित हुए हैं जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 293.34 मीट्रिक टन कोपरा खरीदा गया था. कोपरा और उड़द के संदर्भ में, अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में दरें एमएसपी से अधिक हैं.
संबंधित राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारें खरीफ की फसल दलहन और तिलहन के संबंध में आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय की गई तारीख से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर रही है.
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओड़िशा और कर्नाटक राज्यों में एमएसपी के तहत बीज कपास (कपास) की खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है. 29 दिसंबर 2020 तक 7139989 कपास की गांठें खरीदी गयीं जिनका मूल्य 20926.46 करोड़ रुपये है जिससे 13,91,637किसान लाभान्वित हुए हैं.
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