
Ranchi : जल संसाधन विभाग (झारखंड सरकार) के स्तर से राज्य में वृहद, मध्य और लघु सिंचाई संबंधी स्कीम चलायी जाती है. इसका मकसद कृषि योग्य भूमि पर सिंचाई सुविधा मुहैया करानी है. राज्य के अलग अलग जिलों में उसके स्तर से लगातार पहल की जाती रही है. राज्य में करीब 30 लाख हेक्टेयर (29.74 लाख हेक्टेयर) कृषि योग्य भूमि है. अब तक विभाग इनमें से 50 फीसदी जमीन पर भी सिंचाई सुविधाओं को नहीं पहुंचा सका है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायक दीपिका पांडेय सिंह के सिंचाई सुविधाओं संबंधी पूछे गए सवाल पर जल संसाधन विभाग ने यह जानकारी दी है.
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33 फीसदी जमीन पर ही सिंचाई सुविधा


दीपिका पांडेय सिंह ने पूछा था कि 29.74 लाख हेक्टेर कृषि योग्य भूमि का मात्र 38.43 प्रतिशत भूमि पर ही सिंचाई क्षमता की सुविधा दी जा सकी है? साथ ही उन्होंने लघु सिंचाई प्रमंडल, गोड्डा द्वारा महागामा में सिंचाई संबंधी सात स्कीमों के बारे में सवाल रखा था. जल संसाधन विभाग की मानें तो वृहद, मध्य और लघु सिंचाई द्वारा निर्मित योजनाओं से झारखंड में कुल 33.62 फीसदी जमीन पर ही वह सिंचाई क्षमता मुहैया करा सका है.




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महागामा विधानसभा अंतर्गत ठाकुरगंगटी, मेहरमा, महागामा ब्लॉक के लिये कुल 7 सिंचाई स्कीमों का प्राक्कलन जल संसाधन विभाग को लघु सिंचाई प्रमंडल, गोड्डा ने भेजा था (पत्रांक 546, 24.09.2021). इस पर विभाग ने बताया कि महागामा ब्लॉक की 2 योजनाओं के लिए प्रशासनिक स्वीकृति की कार्रवाई की जा रही है. बाकी पांच योजनाओं के प्राक्कलन की जांच क्षेत्रीय मुख्य अभियंता (सीई) द्वारा की जा रही है. तकनीकी स्वीकृति दिए जाने के बाद बजट और अन्य स्थितियों को देखते योजना पर फैसला लिया जाएगा.
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