
Ranchi: जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में नागपुरी भाषा के छात्र छात्राओं के लिए विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. डॉ जॉन पीटरसन जर्मनी के कील स्थित क्रिश्चीयन अल्ब्रेच्टस यूनिवर्सिटी में लिंग्वेस्टिक विभाग के प्रोफेसर और अध्यक्ष हैं. डॉ जॉन झारखंड की भाषाओं पर नजदीकी नजर रखने और अध्ययन-शोध करने वाले भाषा नागपुरी भाषा पर शोध भी कर रहे है. अपने व्याख्यान में नागपुरी भाषा में अध्ययनरत छात्रों को भाषा के विभिन्न आयामों पर चर्चा में आमंत्रित किया. कहा कि हमें भाषाओं के बीच के अन्तर और सामंजस्य को जानना होगा. भाषा विज्ञान के बारे में सीखना चाहिये. साथ ही अपनी भाषाओं के बारे में खुद लिखना चाहिये. उन्होंने कहा कि भाषाओं को जानने व समझने के लिये फिल्ड वर्क होना चाहिये. लोगों के बीच जाकर बोलना और पूछना चाहिये. हमें यह जानना चाहिये कि हमारी भाषा उन्नत हो रही है. उन्होंने छात्रों से नागपुरी भाषा में प्रचलित शब्दों को उच्चारित करा कर उच्चारण में होने वाली भिन्नताओं पर विशेष रुप से चर्चा की. इस मौके पर व्याख्यान कक्ष में विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. बीरेन्द्र कुमार महतो और डॉ. अशोक कुमार बड़ाईक मौजूद थे.