
Ranchi: राजधानी में कोरोना की सेकंड वेव का कहर जारी है. लगातार नए मरीज सामने आ रहे हैं. वही इमरजेंसी में भी गंभीर मरीजों का आना लगा हुआ है. लेकिन एक्सीडेंट के अलावा थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमयाके भी मरीजों को खून की जरूरत पड़ रही है.
शनिवार को तो रिम्स ब्लड बैंक में मात्र 11 यूनिट खून अवेलेबल था, जिससे साफ है कि डिमांड अधिक है और डोनर्स नहीं आ रहे है. वहीं मरीजों के परिजनों को खून के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है. अब तो कोरोना के डर से लोग ब्लड डोनेशन कैंप में भी आगे नहीं आ रहे है. उन्हें इंफेक्शन का डर सता रहा है.
निगेटिव ग्रुप का ब्ल्ड खत्म


हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में पॉजिटिव ग्रुप के दो-तीन यूनिट तो अवेलेबल है. लेकिन निगेटिव ग्रुप का एक यूनिट भी खून उपलब्ध नहीं है. ऐसे में किसी को जरूरत पड़ जाए तो उसे डोनर ढूंढ कर लाना पड़ेगा. या फिर उसे सिटी के ब्लड बैंकों के चक्कर लगाने पड़ेंगे.




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पॉजिटिव ग्रुप का प्लाज्मा है अवेलेबल
भले ही रिम्स के ब्लड बैंक में होल ब्लड की किल्लत हो गई है. लेकिन पॉजिटिव ग्रुप का प्लाज्मा काफी मात्रा में अवेलेबल है. जबकि नेगेटिव ग्रुप का प्लाज्मा शून्य है. इतना ही नहीं पॉजिटिव ग्रुप के पैक्ड रेड सेल्स भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं जो जरूरतमंदों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
ब्लड बैंक में उपलब्ध खून
- ए पॉजिटिव 3 यूनिट
- ए नेगेटिव 0 यूनिट
- बी पॉजिटिव 2 यूनिट
- बी नेगेटिव 0 यूनिट
- एबी पॉजिटिव 3 यूनिट
- एबी नेगेटिव 0 यूनिट
- ओ पॉजिटिव 3 यूनिट
- ओ नेगेटिव 0 यूनिट
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