
Palamu : 25 जून जहां देश में आपाकाल के लिए चर्चित रहा है और इसे लोकतंत्र के लिए काला धब्बा के रूप में जाना जाता है. इसी तारीख को पलामू प्रमंडल में भी एक ऐसी घटना हुई थी, जिसे याद कर उस समय की घटना की याद तरोताजा हो जाती है.
ठीक 31 साल पूर्व आज के ही दिन धनबाद रेल मंडल के गढ़वारोड-बरवाडीह रेलखंड के मंगरा रेलवे स्टेशन पर भयानक हादसे में 60 लोगों की मौत हो गयी थी.
यह घटना 25 जून 1990 की है. उस दिन दोपहर में एक पैसेंजर ट्रेन की टक्कर कोयले से लदी मालगाड़ी से हो गयी थी. इस हादसे में 60 लोगों की जान गयी थी और सैकड़ों घायल हुए थे.


जिस वक्त यह हादसा हुआ था, लातेहार जिला अलग नहीं हुआ था. इसलिए यहां के घायलों को निकटवर्ती डालटनगंज स्थित सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हादसे के दूसरे दिन तत्कालीन रेलमंत्री जार्ज फर्नांडीस भी अस्पताल के दौरे पर आये थे. बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद भी अस्पताल पहुंचे थे.




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सेवा का जज्बा तब भी और आज भी
इधर, इन हादसों के बीच पलामू के कई युवक कोरोना में राहत कार्य के लिए आगे आये. आरएसएस के जगत नन्दन प्रसाद, शिक्षक कार्यकर्ताओं में प्रो. केके मिश्रा, प्रो. एससी मिश्रा, प्रो. बीआर सहाय हमेशा सदर अस्पताल पहुंचे थे.
इसके अलावा शहर के अन्य युवकों में मिथिलेश कुमार पांडे, अभय कुमार तिवारी, धु्रव कुमार पांडे, मनोज कुमार सिंह, प्रकाश चौबे, अखिलेश्वर पाठक, धर्मदेव यादव उपस्थित थे. कितने युवक लोगों की परेशानी साझा करते दिखे.
ये कहना गलत नहीं होगा कि उस हादसे को करीब 31 साल बीत चुके हैं. उस वक्त भी जो सेवा भाव हम पलामूवासियों के दिल में था. वो आज भी कोरोना काल में देखने को मिल रहा है. नवयुवक अनुभवी लोगों के साथ मिल कर जनसेवा में लगे हैं.
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