
Ranchi : राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से सुद़ृढ़ करने के लिए हेमंत सरकार लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए किसानों से खरीदे जाने वाले धान को लेकर राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. इन किसानों से धान खरीदने के समय धान अधिप्राप्ति केंद्र पर ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का 50 % राशि का भुगतान तत्काल ही किया जाएगा. वहीं शेष राशि का भुगतान धान मिल में पहुंचने के बाद किया जाएगा.
वहीं खरीफ विपणन मौसम 2020-21 में धान अधिप्राप्ति योजना अंतर्गत सरकार ने राज्य के करीब 1.60 लाख किसानों से करीब 4.50 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है. बता दें कि बीते 7 नवंबर को ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2020-21 के दौरान किसानों से MSP पर धान अधिप्राप्ति करने हेतु ‘धान अधिप्राप्ति योजना’ के स्वरूप की स्वीकृति प्रदान की थी.
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MSP का मूल्य निर्धारित, बोनस के साथ होगा भुगतान


हेमंत सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में MSP का मूल्य निर्धारित कर दिया है. साधारण किस्म के धान पर 1868 रुपये प्रति क्विंटल एवं ग्रेड-ए धान पर 1888 रुपये प्रति क्विंटल MSP निर्धारित किया गया है. इसके अलावा सरकार MSP के साथ बोनस के रूप में अतिरिक्त 182 रुपये प्रति क्विंटल भी इन किसानों को देगी. इस तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य साधारण (धान) 1868+182= 2050 रुपये प्रति क्विंटल तथा ग्रेड ए (धान) 1888+182 = 2070 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. किसान जैसे ही सरकार द्वारा निर्धारित धान अधिप्राप्ति केंद्र में धान को बेचता है, तो उसे 50% यानी क्रमशः 1025 और 1035 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान उसे तत्काल ही होगा.
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रजिस्टर्ड किसानों की संख्या और दूरी को देख बनाये जायेंगे धान अधिप्राप्ति केंद्र
किसानों को अपने धान को बेचने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए सरकार ने पंजीकृत किसानों की संख्या एवं प्रखंड से दूरी को देखते हुए ही पर्याप्त संख्या में धान अधिप्राप्ति केंद्र संचालित करने का फैसला किया है. यह केंद्र झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड द्वारा आवश्यकतानुसार संचालित होंगे.सभी जिलों में कितने केंद्र होंगे, इसके लिए निगम द्वारा खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग से सहमति लिया जाएगा.
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भ्रष्टाचार न हो, इसलिए किसानों के खाते में ऑनलाइन होगा भुगतान
धान को केंद्र में बेचने को लेकर किसानों की पहले यह शिकायत रहती थी कि राशि भुगतान में उनके साथ कई तरह की गड़बड़ियां हुई हैं. इससे भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलने की शिकायत होती थी. इसे देख राज्य सरकार ने फैसला किया है कि किसानों से खऱीद गये धान के मूल्य का भुगतान NEFT/RTGS/PFMS के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में किया जाएगा. वहीं धान अधिप्राप्ति केंद्रों से नियमित रूप से धान का उठाव कर चयनित गोदाम में भंडारण किया जाएगा.
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