
Ranchi : लोकसभा चुनाव में करारी हार और विरोधी गुटों के लगातार विरोध के बाद कांग्रेस अध्य़क्ष पहली बार पार्टी मुख्यालय में सोमवार को एक बैठक करेंगे. बैठक में पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस के नेता उपस्थित रहेंगे. बैठक का मुख्य एजेंड़ा विधानसभा की तैयारी बताया जा रहा है, पार्टी प्रवक्ताओं की मानें, तो बैठक में प्रदेश अध्यक्ष आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर सभी विंग के अध्य़क्षों से फीडबैक लेंगे. लेकिन जिस तरह से पार्टी में गुटबाजी चरम पर है, उसे देखते हुए
उक्त बैठक को काफी हंगामेदार रहने की भी चर्चा है.बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद डॉ अजय कुमार के प्रदेश अध्यक्ष नहीं रहने देने की मांग को लेकर सुबोधकांत सहाय गुट लगातार विरोध कर रहा है. वहीं युवा कांग्रेस के मुख्यमंत्री घेराव और विधानसभा घेराव और महिला कांग्रेस के विधानसभा घेराव कार्यक्रम में प्रदेश अध्य़क्ष के उपस्थित नहीं रहने से उक्त विंग के लोग नाराज है.
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प्रदेश प्रभारी ने ही की है अब तक बैठक




दें, कि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने ही अब तक सभी जिलों अध्य़क्षों के साथ एक बैठक की है. इस दौरान जहां उन्होंने लोकसभा चुनाव में हार को लेकर समीक्षात्मक बैठक की, वहीं सभी जिला अध्यक्षों से पूछा था कि किस दल का प्रभाव क्षेत्र में ज्यादा है, ताकि विधानसभा चुनाव के पहले महागठबंधन बनता है, तो कांग्रेस कितनी सीटों पर अपना दावा पेश करे. अगर ऐसा नहीं होता है तो पार्टी अकेले चुनाव लड़ने पर विचार करेगी.
प्रदेश अध्यक्ष का विरोध जारी
लोकसभा चुनाव में पार्टी 7 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इसमें से रांची उम्मीदवार सुबोधकांत सहाय ने चुनाव बाद मिली हार का सारा ठीकरा प्रदेश अध्य़क्ष पर थोपा था. हालांकि सुबोधकांत ने खुले मंच से यह बात कभी नहीं कही. लेकिन प्रदेश अध्य़क्ष पद एक मद्रासी के हाथों में रहने और महानगर अध्यक्ष संजय पांडेय के बूथ मैनेजमेंट में लापरवाही बरतने को लेकर वे और उनके समर्थकों ने डॉ अजय कुमार पर निशाना साधा था. लोकसभा चुनाव के बाद आज तक विरोधी गुटों का प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ विरोध लगातार जारी है.
सरकार की जनविरोधी नीतियों पर होगी चर्चा
प्रवक्ता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में होने वाली बैठक को लेकर पार्टी प्रवक्ताओं की मानें, तो आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रख कर ही सभी जिला अध्यक्षों के साथ बैठक प्रायोजित है. इसमें सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन और महागठबंधन की रूपरेखा तैयार करने पर विशेषरूप से चर्चा की जानी है
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