
New Delhi: ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा का मानना है कि कोविड-19 के बाद की दुनिया भारतीय खेलों के लिए फायदेमंद हो सकती है क्योंकि विदेश दौरों की संभावित गैरमौजूदगी में स्थानीय बुनियादी ढांचे और कोच और सहयोगी स्टाफ जैसे मानव संसाधन पर निवेश का मौका होगा.
दिग्गज निशानेबाज बिंद्रा सोमवार को विशेष आनलाइन सत्र के दौरान भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के नवनियुक्त सहायक निदेशकों और अन्य सीनियर अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे.
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कोरोना के बाद भारतीय खेलों को कैसे देखते हैं बिंद्रा




महामारी का प्रकोप कम होने की स्थिति में वह भारतीय खेलों को कैसे देखते हैं इस बारे में पूछे जाने पर बिंद्रा ने कहा कि कोविड-19 के बाद की स्थिति भारत के लिए फायदेमंद हो सकती है. शायद काफी विदेशी टूर्नामेंट और शिविर नहीं होंगे और ऐसे में भारत को उपयुक्त खेल बुनियादी ढांचा तैयार करने का मौका मिल सकता है.
उन्होंने कहा कि हमें अपने स्वयं के कोच और सहयोगी स्टाफ तैयार करने की जरूरत है. बिंद्रा ने कहा कि खेल प्रशासकों को वैकल्पिक कौशल विकास कार्यक्रम तैयार करने की दिशा में काम करने की जरूरत है जिससे कि दीर्घकाल में खिलाड़ियों की बेहतर स्थिति सुनिश्चित की जा सके.
उन्होंने कहा कि हमें खिलाड़ियों की देखभाल करने की जरूरत है क्योंकि खेल की प्रकृति है कि सफल से अधिक खिलाड़ी विफल होंगे. यह महत्वपूर्ण है कि खेल करियर नहीं बन पाने की स्थिति में खिलाड़ियों के पास वैकल्पिक योजना हो.
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अपने अनुभव के बारे में विस्तार से की बात
बिंद्रा ने खिलाड़ी के रूप में अपने अनुभव पर भी विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि खेल में एक प्रतिशत खिलाड़ी सारा अंतर पैदा करते हैं और हमारे लिए इन सभी एक प्रतिशत खिलाड़ियों पर ध्यान देना शुरू करने की जरूरत है.
मजबूत प्रतिभा पहचान और विकास कार्यक्रम तैयार करने की जरूरत पर जोर देते हुए बिंद्रा ने कहा कि सही आधार तैयार करना महत्वपूर्ण है, खेलो इंडिया कार्यक्रम के साथ इस पर पहले ही काफी काम शुरू हो गया है.
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