
NewDelhi : खबर है कि कोविड वैक्सीन Covaxin के फेज 3 ट्रायल में शामिल रहे पहले वालंटियर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने की जानकारी उन्होंने ट्विटर पर दी है. उनके पॉजिटिव पाये जाने से वैक्सीन को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
जान लें कि वैक्सीन भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर तैयार की है. विज को 20 नवंबर को Covaxin की पहली डोज दी गयी थी. उन्होंने अपने कॉन्टैक्ट में आने वालों से टेस्ट कराने को कहा है.
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Covaxin को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं.
वैक्सीन ट्रायल का हिस्सा रहे विज के कोविड पॉजिटिव होने की खबर आने के बाद लोग Covaxin को लेकर तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार वैक्सीन पर लोगों का भरोसा बने रहना जरूरी है. विज के कोविड पॉजिटिव निकलने का मतलब यह नहीं है कि Covaxin बेकार है या उसमें कोई गड़बड़ है.
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वैक्सीन के ट्रायल की प्रक्रिया समझना बेहद जरूरी
कोरोना वैक्सीन को लेकर राजनीति का मुद्दा अलग है, लेकिन जो भी सवाल उठे हैं, उनके जवाब समझने के लिए वैक्सीन के ट्रायल की प्रक्रिया समझना बेहद जरूरी है. वैक्सीन कैसे काम करती है और उसके किस तरह इंसानों पर आजमाया जाता है, इसे समझना जरूरी है. सवाल कि क्या Covaxin की डोज लगने के बावजूद कोरोना हो सकता है? इसके जवाब में कहा जा सकता है कि अभी यह सोचना पूरी तरह गलत है.
विज को 20 नवंबर को पहली डोज मिली,दूसरी मिली ही नहीं
वैक्सीन का फेज 3 प्रोटोकॉल कहता है कि 0.5ml की दो डोज 28 दिन के अंतर पर दी जानी थीं. विज को 20 नवंबर को पहली डोज मिली. दूसरी डोज मिली ही नहीं. वैक्सीन के असर के लिए उसके डोज पैटर्न का पूरा होना जरूरी है. मतलब यह कि वैक्सीन की एक डोज से कोविड से पर्याप्त इम्युनिटी डेवलप नहीं होती. यह बात अभी तक बनी कोविड-19 की हर वैक्सीन पर लागू रही है. दुनियाभर में सालभर के भीतर कोविड-19 के लिए कई वैक्सीन बना ली गयी हैं.
फाइजर की वैक्सीन तो दो देशों में अप्रूव भी हो चुकी है. वैज्ञानिकों ने कई सालों की मेहनत कुछ महीनों में की है. वैक्सीन के ट्रायल को तेज किया गया है, न कि उसकी क्वालिटी से समझौता हुआ.
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फेज 1 और 2 ट्रायल भी सफल रहे
Covaxin का डिवेलपमेंट वायरस का जीनोम स्ट्रक्चर सामने आने के साथ ही शुरू हो गया था. वैक्सीन प्री क्लिनिकल ट्रायल की सभी स्टेज में सफल रहने के बाद इंसानों पर ट्रायल के लिए अप्रूवल की गयी थी. बता दें कि फेज 1 और 2 ट्रायल भी सफल रहे. Covaxin के ट्रायल में कोई जल्दबाजी नहीं की गयी है.
अब भी 26 हजार से ज्यादा पार्टिसिपेंट्स पर इसका फेज 3 ट्रायल जारी है. किसी भी वैक्सीन को एक बड़े जनसमूह पर ट्रायल के बाद ही रेगुलेटरी अप्रूवल मिलता है. भारत में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा सभी पैमानों पर खतरा उतरने के बाद ही किसी वैक्सीन को मंजूरी दी जायेगी.