
Ranchi. बेटे ने घर से निकाल दिया. बेटी-दामाद ने भी आसरा नहीं दिया. गिरने की वजह से कमर टूट गयी. वह सड़क पर घिसट-घिसटकर भीख मांगती रही. न्यूजविंग ने बेसहारा वृद्धा विलास देवी की व्यथा छापी-दिखायी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 10 मिनट के भीतर संज्ञान लिया. जिले के उपायुक्त को तत्काल उन्हें वृद्धाश्रम पहुंचाने और उनकी मदद करने का निर्देश दिया और आखिरकार 10 से 12 घंटे बाद वृद्ध माता को एक सम्मानजनक ठिकाना मिल गया.
वृद्ध माता की आंखों में आज भी आंसू थे

.@DC_Ranchi कृपया मामले का संज्ञान ले। माताजी को वृद्ध आश्रय गृह में तत्काल पहुँचाने एवं उनके देख भाल की उचित व्यवस्था करते हुए सूचना दें। https://t.co/h4RscHxAgA
— Hemant Soren (घर में रहें – सुरक्षित रहें) (@HemantSorenJMM) November 24, 2020
बुधवार को रांची जिला प्रशासन की टीम सहजानंद चौक के पास पहुंची. उन्हें व्हील चेयर पर बिठाया और हेसाग स्थित ओल्ड एज होम ले जाया गया. राज्य के निःशक्तता आयुक्त सतीशचंद्र भी खुद दिन साढ़े ग्यारह बजे उनके लिए कपड़ा-कंबल और खाने-पीने का सामान लेकर पहुंचे. कल तक प्लास्टिक की चादर के नीचे ठंड में कंपकंपा रही वृद्ध माता की आंखों में आज भी आंसू थे, लेकिन ये आंसू खुशी के थे. वह खुश हैं कि उन्हें अब प्लास्टिक की छत के नीचे रात नहीं काटनी पड़ेगी.
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सीएम ने ट्वीट कर तुरंत मदद पहुंचाने का निर्देश दिया
बता दें कि राजधानी रांची के वीआइपी मार्ग हरमू रोड में वृद्ध विलासी देवी पिछले कई दिनों से घिसट-घिसटकर जिंदगी काट रही थी. आस-पास और सड़क से गुजरने वाले लोग जो कुछ उसके आंचल में डाल देते, उसी से पेट भरती. इस राह से हर रोज कई बड़े हाकिम गुजरते, लेकिन किसी की उनपर नजर-ए-इनायत नहीं हुई.
न्यूजविंग की टीम को वृद्धा के बारे में जानकारी मिली, तो उनकी कहानी सामने आयी. पोर्टल पर खबर और वीडियो चली, तो सीएम हेमंत सोरेन ने तत्काल संज्ञान लिया. उन्होंने रांची के उपायुक्त को ट्वीट कर तुरंत मदद का निर्देश दिया.
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