
Ranchi : झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने निर्देश दिया है कि झारखंड राज्य में अवस्थित सभी विश्वविद्यालयों में आयोजित होनेवाले दीक्षांत समारोह में केवल पारंपरिक भारतीय परिधान का ही इस्तेमाल किया जायेगा. उनके द्वारा निर्देशित किया गया कि सभी विश्वविद्यालयों द्वारा अगामी दीक्षांत समारोहों में पूर्व से प्रचलित परिधान (गाउन) के स्थान पर अब पारंपरिक भारतीय परिधान का इस्तेमाल किया जायेगा. इस निर्देश की जानकारी सोमवार को राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने दी.
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खत्म होगा गाउन सिस्टम


राज्यपाल के निर्देश के बाद से विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह के दौरान विद्यार्थियों द्वारा पहने जानेवाले गाउन पर पाबंदी लग गयी है. झारखंड का कोई भी विश्वविद्यालय अब गाउन के माध्यम से विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में डिग्री नहीं प्रदान कर सकता है. ज्ञात हो कि दीक्षांत समारोह के दौरान विद्यार्थियों को गाउन पहनने का कई संगठनों द्वारा विरोध लंबे समय से किया जा रहा था. राज्यपाल के निर्देश के बाद से इन संगठनों में खुशी की लहर है.




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राज्यपाल का निर्देश स्वागतयोग्य है : एबीवीपी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह आरयू के सीनेट सदस्य अटल पांडये ने कहा कि लंबे समय के बाद एबीवीपी को अपने आंदोलन में सफलता मिली है. राज्यपाल के इस निर्णय का एबीवीपी स्वागत करता है एवं इस निर्देश के लिए राज्यपाल को साधुवाद देता है कि उन्होंने भारतीय संस्कृति को बचाने में अहम भूमिका अदा की है. पश्चिमी सभ्यता से अब झारखंड के विश्वविद्यालय मुक्त हो जायेंगे और विश्वविद्यालय के कैंपस में युवाओं को भारतीय संस्कृति एवं परिधान को अमल में लाने पर बल मिलेगा.
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शिक्षक सह छात्र संगठनों ने राज्यपाल के फैसले का किया स्वागत
झारखंड के कई शिक्षक एवं छात्र संगठनों ने राज्यपाल के इस फैसले का स्वागत किया है. आजसू के नीरज वर्मा ने कहा कि झारखंडी परिधानों का प्रचलन युवाओं में इस फैसले के बाद बढ़ेगा. वहीं, एनएसयूआई के इंद्रजीत सिंह ने कहा कि इस फैसले से छात्रों में खुशी की लहर है. छात्रों को दीक्षांत समारोह के दौरान अब अपने परिधानों को पहनने का अवसर मिलेगा.