
Ranchi: राज्य के सरकारी स्कूलों को मजबूत करने के लिए कई पहलुओं पर काम किया जा रहा है ताकि यहां के नौनिहालों को पढ़ाई का बेहतर माहौल मिल सके और वे बेहतर कर सकें. शिक्षा को व्यापक रूप देने की दिशा में अब स्कूलों की लाईब्रेरी को अपग्रेड किया जा रहा है.
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इसके लिए सरकार ने 25 करोड़ से अधिक का बजट बनाया है. इसमें मुख्य रूप से वैसे प्रखंडों का चयन किया जा रहा है जहां के बच्चों को जनजातीय व वहां के क्षेत्रीय भाषा से जोड़ कर उन्हें पढ़ाई की ओर आकर्षित किया जा सके. इसी कड़ी में सूबे के अधिसूचिव प्रखंडों के स्कूलों में 70 प्रतिशत पुस्तकें सिर्फ जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की ही रखी जाएगी. जबकि दस प्रतिशत पुस्तकें सिर्फ अंग्रेजी भाषा की होंगी और 20 प्रतिशत पुस्तकें हिन्दी भाषा की रखी जाएगी. इसे लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने इस संदर्भ में दिशा-निर्देश दे दिए हैं.
अन्य प्रखंडों में जनजातीय भाषा की पुस्तकें सिर्फ 10 प्रतिशत ही रहेंगी
125 अधिसूचित प्रखंडों के स्कूलों के अलावा अन्य बचे हुए प्रखंडों के स्कूलों में जनजाततीय भाषा की पुस्तकें सिर्फ 10 प्रतिशत ही रहेंगी. जबकि इन स्कूलों में 70 प्रशित तक हिन्दी और 20 प्रतिशत तक अंग्रेजी की पुस्तकें उपलब्ध करायी जाएगी. लाईब्रेरी को उच्च स्तरीय बनाने के लिए ही प्रयास किया जाएगा. साथ ही बजट का बड़ा हिस्सा लाईब्रेरी की पुस्तकों को अपडेट कर विभिन्न वर्ग के लिए रखा जाएगा. इसके अलावा 20 प्रतिशत तक एनसीईआरटी के अलावा दूसरे पब्लिशर की पुस्तकों को रेफरेंस के लिए रखा जा सकेगा. ताकि बच्चों को अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए दूसरे बड़े पब्लिशरों की पुस्तकों को पढ़ने का मौक मिल सके.
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जहां लाईब्रेरी नहीं होगी वहां कक्षा में ही लाईब्रेरी कार्नर का कांसेप्ट होगा
जिन स्कूलों में लाईब्रेरी की व्यवस्था नहीं होगी वहां पर लाईब्रेरी कॉर्नर का कांसेप्ट होगा. इसमें कक्षा में ही ऐसी जगह का चुनाव करना होगा जहां पर बच्चे लाई्रब्रेरी की तरह बैठ कर पढ़ाई कर सकें. उन्हें वो माहौल उपलब्ध कराया जाए ताकि वे अपनी शिक्षा की गुणवक्ता को सुधार सकें. साथ ही शिक्षकों का भी इसमें अहम योजदान की उम्मीद रखी गई है.
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एक घंटे का होगा लाईब्रेरी ऑवर
इसके अलावा स्कूलों में कम से कम एक घंटे का लाईब्रेरी ऑवर की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही शिक्षकों को दैनिक पढ़ाई के साथ इस लाईब्रेरी ऑवर का भी जिक्र करना अनिवार्य होगा. इस लाईब्रेरी ऑवर में बच्चे अपनी पढ़ाई कर सकेंगे. बच्चों के बेहतर विकास के लिए स्कूलों से निकलने वाली पंख मासिक पत्रिका में बच्चों की अधिक से अधिक आलेख व उनकी बातों को ही प्रकाशित किया जाएगा. यह पत्रिका लाईब्रेरी में भी रखी जायेगी.
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