
Ranchi : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में हार्ट के मरीजों का इलाज भी होता है. वहीं ओपन हार्ट सर्जरी भी की जा रही है, लेकिन अब रिम्स में रेगुलर बाइपास सर्जरी करने की तैयारी है. इसके लिए मशीनों की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए पूर्व में टेंडर किया गया था. लेकिन कोविड की वजह से यह फाइनल नहीं हो सका और टेंडर कैंसिल हो गया.

अब नए सिरे से टेंडर निकालने की तैयारी है. जिससे कि कार्डियो थोरेसिक वस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग अपग्रेड होगा. इसके बाद रिम्स में ही दिल के मरीजों की बाइपास सर्जरी की जाएगी. इसके अलावा हार्ट सर्जरी में भी तेजी आएगी. मशीन के आ जाने से मरीजों का ऑपरेशन भी लगातार किया जाएगा.

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हर महीने आते है 40 मरीज
सीटीवीएस ओपीडी में हर हफ्ते 10 मरीज आते है. ऐसे में महीने में 40 मरीज ओपीडी में बाइपास सर्जरी वाले आते है. जिनमें आयुष्मान वाले मरीज तो इंतजार करते हैं. क्योंकि इलाज के लिए उनके पास 4 लाख रुपये नहीं होते. संसाधन की कमी के कारण सभी का आपरेशन भी रिम्स में संभव नहीं है. इसलिए बाकी के मरीजों को इलाज के लिए बाहर भेज दिया जाता है.
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आइएबीपी मशीन, टीइइ मशीन की जरूरत
हार्ट के मरीजों की बाइपास सर्जरी करने के लिए सीटीवीएस डिपार्टमेंट में आइएबीपी और इको मशीन विद टीइइ की जरूरत होती है. रिम्स के पास फिलहाल ये मशीनें नहीं है. इसलिए केवल गिनती के मरीजों का आपरेशन किया जाता है. जैसे ही यह मशीन उपलब्ध होगी तो रेगुलर बाइपास सर्जरी शुरू कर दी जाएगी. वहीं मरीजों को झारखंड से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी. इतना ही नहीं महंगे इलाज से भी छुटकारा मिल जाएगा.
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कार्डियोथोरेसिक विभाग के एचओडी डॉ अंशुल कुमार ने बताया कि हार्ट सर्जरी के लिए ये दोनों ही मशीनें जरूरी है. जिससे कि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा. इसके अलावा हम लोग भी ज्यादा से ज्यादा केस ऑपरेट कर सकेंगे. इससे मरीजों को लंबी वेटिंग लिस्ट से छुटकारा मिल जाएगा.
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