
Ranchi: सिंगल, डबल बैरल बंदूक व रायफल का क्रेज अब कम हो गया है. अब रिवाल्वर व पिस्टल की डिमांड जोरों पर है. जिला शस्त्र शाखा में आए आवेदनों से यह खुलासा हो रहा है. शस्त्र शाखा में लाइसेंस के लिए अब तक 250 से अधिक आवेदन आए हैं. इनमें अधिकतर आवेदन पिस्टल व रिवाल्वर के हैं. पिछले साल 450 आवेदन प्राप्त हुए थे.
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जिले में लगभग 3525 हथियार लाइसेंसी : जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के मद्देनजर रांची जिले में कुल 3525 हथियारों का लाइसेंस जारी किया गया है.
तो रद्द हो सकता है लाइसेंस
1.अगर प्रशासन को लगता है कि किसी का बंदूक या पिस्टल के लाइसेंस को रद्द करना पब्लिक के हित और सुरक्षा के लिए जरूरी है, तो वह रद्द कर सकता है.
- जिस व्यक्ति को बंदूक या पिस्टल का लाइसेंस मिला है, अगर वो दिमागी रूप से डिस्टर्ब हो जाता है, तो प्रशासन उसके लाइसेंस को रद्द कर देता है.
- अगर किसी ने झूठी जानकारी देकर या किसी जानकारी को छिपाकर लाइसेंस हासिल किया है यानी नियमों का उल्लंघन करके लाइसेंस हासिल किया है, तो ऐसे लाइसेंस को रद्द किया जा सकता है.
- लाइसेंस की शर्तों, आर्म्स एक्ट और आर्म्स रूल्स के कानून का उल्लंघन होने पर भी लाइसेंस रद्द हो सकता है.
- अगर हथियार को जमा करने का निर्देश दिया जाता है और लाइसेंस रखने वाला उसका पालन करने में विफल रहता है, तो भी लाइसेंस को रद्द करने की कार्रवाई की जा सकती है.
- जिसके नाम लाइसेंस है, अगर वो चाहे, तो आवेदन देकर अपने लाइसेंस को रद्द करवा सकता है.
- अगर हाईकोर्ट आर्म्स कानून का उल्लंघन पाता है, तो अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए भी लाइसेंस रद्द कर सकता है.
- केंद्र सरकार निर्देश पर भी हथियारों के लाइसेंस को रद्द किया जा सकता है.
- अगर किसी को आर्म्स एक्ट या आर्म्स रूल्स के तहत अदालत से सजा मिली है, तो भी उसके लाइसेंस को रद्द किया जा सकता है.
लाइसेंस बनाने के लिए आवेदन के साथ इन दस्तावेजों की जरूरतः
नए लाइसेंस के लिए आवेदन के साथ 9 तरह के दस्तावेज जमा करने होते हैं.
-आवेदन फॉर्म A-1
-मेडिकल सर्टिफिकेट
-शपथ पत्र
-पैन नंबर
-आधार नंबर
-वोटर कार्ड
-एक साल का आयकर रिटर्न के दस्तावेज
-शैक्षणिक प्रमाणपत्र(जन्मतिथि के साथ)
-तीन पासपोर्ट साइज का फोटो(ब्लैक एंड व्हाइट)
– 1000 रुपए का चालान
पिस्टल और राइफल में अंतर
- पिस्तौल एक हैंडगन है जबकि राइफल एक लंबी बंदूक है.
- पिस्तौल का बैरल छोटा है, और यह लंबी दूरी तक सटीक रूप से शॉट फायर नहीं कर सकता है, जबकि राइफल का बैरल लंबा है, और यह लंबी दूरी पर सटीकता के साथ शूट कर सकता है.
- एक पिस्तौल के साथ एक हाथ का उपयोग करके किसी वस्तु को शूट किया जा सकता है जबकि राइफल के मामले में दोनों हाथों की आवश्यकता होती है
- राइफल को दोनों हाथों से निशाना लगाते हुए और निशाने पर लेते हुए कंधे पर आराम देना होगा.
- राइफल के बैरल में स्पाइरलिंग ग्रूव होता है जिसे राइफलिंग कहा जाता है. यह बुलेट को अंदर स्पिन करने और स्थिर करने के बाद एक बड़ी ताकत पर बेदखल करने का कारण बनता है.
- पिस्टल का उपयोग ज्यादातर आत्म-रक्षा बन्दूक के रूप में किया जाता है, जबकि लंबी दूरी के लिए, राइफल अधिक उपयुक्त होती है.
- पिस्तौल हल्का और आसपास ले जाने में आसान है.
- बुलेट की गति, जब वह राइफल से निकलती है, तो पिस्तौल से निकलने वाली गोली की तुलना में लगभग दोगुनी (3000 फीट / सेकंड) होती है.
नए लाइसेंस के लिए शुल्क
नए लाइसेंस के लिए शुल्क तय है. अगर एक साल के लिए हथियार का लाइसेंस चाहिए तो इसके लिए 500 रुपए और अगर पांच साल के लिए लाइसेंस लेना है तो आवेदक को शुल्क के तौर पर 5000 रुपए जमा करने होंगे. लाइसेंस रिन्यू का शुल्क 300 से 400 रुपए है.