
New Delhi: निर्भया केस में मौत की सजा पाए चारों दोषियों को फांसी दिए जाने के संबंध में केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. निर्भया के चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी देने का मामले पर शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होगी.
Supreme Court agrees to hear tomorrow, Central Government’s appeal against Delhi High Court’s order rejecting its plea to separately execute the death row convicts in 2012 Delhi gang-rape case. pic.twitter.com/nJuA6mVhYK
— ANI (@ANI) February 6, 2020


इससे पहले इन दोषियों की फांसी की सजा पर रोक के खिलाफ केंद्र की याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था, जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि चारों दोषियों को एकसाथ फांसी होगी. जिसके बाद केंद्र ने शीर्ष न्यायालय में अपील की.


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केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने न्यायमूर्ति एन वी रमना, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ के समक्ष याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया.
गुरुवार की सुनवाई के दौरान नटराज ने न्यायालय को बताया कि जेल प्रशासन मामले में दोषियों को फांसी देने में असमर्थ है, जबकि उनकी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी गई है और सुधारात्मक याचिकाएं तथा उनमें से तीन की दया याचिकाएं भी खारिज हो चुकी हैं.
दिल्ली HC ने दी है सात दिनों की मोहलत
गौरतलब है कि निर्भया केस के चारों दोषियों की डेथ वारंट दो बार टल चुकी है. दोषी अलग-अलग मामले में कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करते हुए फांसी की सजा को टलवाने में सफल हो जा रहे थे.
लेकिन बुधवार को अपने फैसले में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें 7 दिन के अंदर ही सभी वैकल्पिक उपाय आजमाने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने दोषियों की फांसी में हो रही देरी पर अथॉरिटीज को भी लताड़ लगायी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक सप्ताह के बाद डेथ वॉरंट लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें जिन दोषियों की दया याचिका खारिज हो चुकी है, उन्हें फांसी की सजा दी जाये.
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