
Patna : केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को पटना में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गयी. बेटे चिराग पासवान ने उन्हें मुखाग्नि दी. दीघा घाट पर अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की संख्या में समर्थक जुटे. इस मौके पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी दीघा घाट पहुंचकर दिवंगत नेता को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी मौजूद थे. सभी नेताओं ने बारी-बारी पार्थिव शरीर पर पुष्प माला अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
Bihar: CM Nitish Kumar, Union Ministers Ravi Shankar Prasad, Giriraj Singh & Nityanand Rai & Deputy CM Shushil Modi pay tribute to Ram Vilas Paswan at Digha ghat in Patna. pic.twitter.com/8SGC0lfmA9
— ANI (@ANI) October 10, 2020
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गुरुवार शाम राम विलास पासवान का निधन हो गया था
बता दें कि गुरुवार शाम को लंबी बीमारी के बाद राम विलास पासवान का निधन हो गया था. 74 साल के रामविलास पासवान कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार शाम पांच बजे दिल्ली से पटना पहुंचा. एयरपोर्ट पर रामविलास पासवान के अंतिम दर्शनों के लिए समर्थकों की भारी भीड़ देखी गयी.
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रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर को एलजेपी कार्यालय में रखा गया
इससे पहले रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर को पटना स्थित लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के कार्यालय में रखा गया, जहां पर लोगों ने अंतिम दर्शन किये. रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान चिराग पासवान और उनकी मां भी वहां नजर आये. बिहार के तमाम नेता रामविलास पासवान के अंतिम दर्शनों के लिए जमा हुए.पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी पार्टी ऑफिस पहुंचकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की.
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70 के दशक में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक करियर शुरू किया
70 के दशक में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले रामविलास पासवान 1969 में पहली बार अलौली सीट से विधानसभा चुनाव जीते थे. उन्होंने खुद को कभी अप्रासंगिक नहीं होने दिया. 1977 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले पासवान 9 बार लोकसभा सांसद रहे.
साल 2000 में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया था. रामविलास पासवान बिहार के एकलौते नेता थे, जिन्होंने देश के छह प्रधानमंत्री के साथ काम किया है. विश्वनाथ प्रताप सिंह, एचडी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी सरकार में पासवान मंत्री रहे. केंद्र में मंत्री रहते हुए उन्होंने कई ऐतिहासिक काम भी किये.