
Ranchi : विश्व पर्यावरण दिवस यानी बीते 6 जून को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय न राज्य के करीब 200 शहरों में फिर से जंगल विकसित करने की एक नयी पहल शुरू की थी. यह पहल थी इन शहरों में ‘अर्बन फॉरेस्ट’ (नगर वन) लाने की.
योजना के तहत अगले पांच सालों में (2025 तक) देशभर में 200 नगर वन विकसित किये जाने की बात मंत्रालय ने की थी. इसके लिए मंत्रालय ने सभी राज्यों से एक प्रस्ताव भी मांगा था. प्रस्ताव पर प्राधिकरण ने राज्य से 6 जिलों (रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, दुमका और गिरिडीह) में नगर वन का प्रस्ताव रखा था.
राज्य से इस बाबत राजधानी रांची में भी दो अर्बन फॉरेस्ट बनाने की बात सामने आयी है. राज्य वन विकास प्राधिकरण (एफडीए) के हवाले से यह बात कही गयी है. रांची में यह फॉरेस्ट वन पहले चरण में देशभर में चूने गये 40 शहरों की श्रेणी में आयेगा.
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वन पैच का आकार 10 से 50 हेक्टेयर के बीच होना चाहिए
अर्बन फोरेस्ट में बने वन पैच का आकार 10 से 50 हेक्टेयर के बीच होना चाहिए. योजना के तहत, पैच की बाड़ के लिए केंद्र प्रति हेक्टेयर 4 लाख का भुगतान करेगा, ताकि इसे मानव अतिक्रमण और जानवरों के चराई से बचाया जा सके.
इन जंगलों के अंदर संबंधित राज्य सरकारों को जॉगिंग ट्रैक, पार्किंग, पानी, शौचालय, लाइटिंग, कैफेटेरिया और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी. इसके लिए नागरिक निकायों, कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड्स और पब्लिक डोनेशन के जरिए भी राशि की व्यवस्था की जाएगी.
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सिठियो व बाहरी रिंग रोड में बनेगा प्रस्ताव
प्राधिकरण की मानें, तो रांची नगर निगम (आरएमसी) की सीमा के भीतर वर्तमान में कोई भी वन पैच नहीं हैं. ऐसे में धुर्वा के पास स्थित सिठियो में चीती-सोहदाग में 39 एकड़ के संरक्षित वन का प्रस्ताव दिया गया है.
वहीं एक अन्य पैच 50 एकड़ का है, जो कि बाहरी रिंग रोड पर माहिलोंग में बादाम में बनाया जाएगा. प्रस्तावित दोनों ही वन पैच रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (आरआरडीए) के अंतर्गत आते हैं.
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