
- ग्रुप के सदस्यों ने मल्हार कोचा का किया दौरा, दो दिनों में राहत सामग्री पहुंचाने का फैसला
Ranchi : झारखंड विधानसभा के भव्य भवन से महज दो किलोमीटर दूर स्थित मल्हार कोचा में रह रहे लोगों की दुर्दशा से न्यूज विंग ने आप सभी को वाकिफ कराया था. “जहां राज्य का भविष्य तय करती है सरकार, उसकी नाक के नीचे बस्ती का इतना बुरा हाल?” शीर्षक से न्यूज विंग ने बुधवार को खबर प्रकाशित की थी. इसके दूसरे ही दिन गुरुवार को इस खबर का असर देखने को मिला. इस खबर पर संज्ञान लेते हुए सिविल सोसायटी ग्रुप के सदस्य अमृतेश पाठक सहित पांच सदस्यों की टीम ने गुरुवार को मल्हार कोचा का दौरा किया. बस्ती के लोगों की हालत की जानकारी लेकर टीम ने फैसला किया है कि अगले दो दिनों (शनिवार तक) में इन लोगों को राहत पहुंचायी जायेगी.
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इन गरीबों की हालत देख संविधान दिवस की शुभकामनाएं देना बेमानी लगता है : अमृतेश
मल्हार कोचा का दौरा करने के बाद देर शाम न्यूज विंग से बातचीत में अमृतेश पाठक ने बताया कि आज हम भले ही लोकतंत्र की महानता के गीत गायें या संविधान दिवस की शुभकामनाएं दें, लेकिन यहां की स्थिति देखकर तो यह सब कहना बेमानी है. वैसे शर्म की बात यह भी है कि तमाम जनप्रतिनिधि वोट तक इनसे लेते हैं, लेकिन जब इनकी जिंदगी संवारने की बात आती है, तो दोबारा पीछे मुड़कर झांकते भी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि लगभग 200 परिवारों में, जिनमें से ज्यादातर टेंटनुमा घरों में रहते हैं, मूलतः वही परिवार हैं, जिनको हमलोग अक्सर सड़कों या गलियों में बच्चों सहित कचरा से प्लास्टिक, बोतल आदि चुनते देखते हैं.

शनिवार तक गर्म कपड़े, दवा, साबुन पहुंचायेगा ग्रुप
अमृतेश पाठक ने कहा कि बस्ती के लगभग 200 परिवारों, जिनमें महिलाएं, बच्चे समेत हजार लोग रहते हैं, की मूलभूत जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं. इसके लिए ग्रुप के सदस्य इन लोगों को राहत पहुंचाने का अथक प्रयास करेंगे. दो दिन बाद वे शुरुआती राहत के तौर पर इन लोगों के पास गर्म कपड़े, दवा, साबुन आदि देंगे. उसके बाद एक पूरे दिन इनके बीच रहकर सभी समस्याओं को सूचीबद्ध करेंगे. उस दिन किसको किस योजना का लाभ दिलाने की आवश्यकता है, यह तय होगा.
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गौरतलब है कि राजधानी के कई ऐसे इलाके हैं, जहां के लोग आज भी बद से बदतर जिंदगी जीने को विवश हैं. ऐसे इलाकों के लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है. न्यूज विंग ने कई बार ऐसी स्थिति को सरकार के संज्ञान में लाने का प्रयास किया है. मंगलवार को हरमू रोड में एक वृद्ध महिला की स्थिति को लेकर जब न्यूज विंग ने खबर प्रकाशित की, तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर रांची जिला प्रशासन ने उस वृद्ध महिला को राहत पहुंचायी थी.
ठीक उसके एक दिन बाद, यानी बुधवार को न्यूज विंग ने विधानसभा से महज दो किलोमीटर दूर बसे मल्हार कोचा की दुर्दशा पर खपर प्रकाशित की. खबर में बताया गया कि बस्ती के लोगों के पास न आधार कार्ड है, न राशन कार्ड. यहां के लोग कपड़ों से ढंकी झोपड़ियों में रहने को विवश हैं. मांगकर गुजर-बसर करनेवाले इस बस्ती के लोगों को सरकारी योजनाओं की भी जानकारी नहीं है. न्यूज विंग में प्रकाशित इसी खबर पर संज्ञान लेते हुए इन गरीबों की मदद करने के लिए सिविल सोसायटी ग्रुप आगे आया है.
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