
Sanjay Prasad
Jamshedpur : केंद्र सरकार एक जुलाई से नया लेबर कोड लागू करने जा रही है. इसके लागू होने के साथ ही मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, व्यवसाय सुरक्षा, औद्योगिक संबंध, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति में आमूल चूल बदलाव आ जाएगा. नये लेबर कोड में सप्ताह में चार दिन काम करने का प्रावधान है. नया वेतन कोड सैलरी स्ट्रक्चर के साथ ही पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन, काम के घंटे और अर्जित अवकाश नकदीकरण सहित अन्य परिवर्तनों को भी प्रभावित करेगा. अभी तक केवल 23 राज्यों ने इन कानूनों के लिए नियमों का ड्राफ्ट प्रकाशित किया है. विशेष रूप से केंद्र ने फरवरी 2021 में इन कोड्स पर ड्राफ्ट नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया समाप्त कर दी थी.
क्या होगा इसका असर
हाथ में वेतन कम, पीएफ और ग्रेच्युटी में बढ़ोतरी


नया वेतन कोड का प्रावधान बताता है कि कर्मचारी का बेसिक सैलरी ग्रास मासिक सीटीसी (CTC) का कम से कम 50 प्रतिशत होना चाहिए. इसका मतलब है कि हाथ में मिलने वाले वेतन में कमी और पीएफ (PF) और ग्रेच्युटी (gratuity) में बढ़ोतरी होगी.




हफ्ते में चार दिन काम करने की अनुमति
नया श्रम कानून कर्मचारियों को चार-दिवसीय कार्य सप्ताह की अनुमति दे सकता हैं, बशर्ते वे वर्किंग डे में 12 घंटे काम करें. श्रम मंत्रालय के मुताबिक सप्ताह में 48 घंटे काम करना जरूरी है.
अर्नड लीव पॉलिसी में बदलाव
नया वेतन कोड कर्मचारियों की 300 छुट्टियों तक नकद करने की अनुमति देगा. खासतौर पर लीव एलिजिबिलिटी को एक वर्ष में काम के 240 दिनों से घटाकर 180 दिन कर दिया गया है.
इसलिए ज्यादा सीटीसी देख खुश न हों
कर्मचारियों को अपने ऑफर लेटर में ज्यादा सीटीसी देखकर खुश नहीं होना है. टेक-होम वेतन पर अच्छे से नज़र डालना महत्वपूर्ण है. कुछ कंपनियां अपना मासिक पीएफ योगदान कर्मचारियों के सीटीसी में डालती हैं. यह एक गलत प्रथा है और अगर इसे नज़रअंदाज किया गया तो टेक-होम वेतन में काफी गिरावट आएगी. ऑफर लेटर में अपना सीटीसी चेक करते हैं, तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पीएफ में रिक्रूटर के मासिक योगदान का उल्लेख नहीं किया गया है.
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