
Ranchi : नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में कई तरह के बदलाव होने हैं. यह बदलाव एडमिशन से लेकर कोर्स सिलेबस और डिग्री मिलने तक है. देश सहित राज्य के विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया चल रही है. राज्य में विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद पहला ऐसा विश्वविद्यालय होगा, जिसने वर्तमान शैक्षणिक सत्र को नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक स्तर पर लागू किया है. अब यहां स्नातक का कोर्स 3 साल की बजाय 4 साल का होगा.
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इसी कड़ी में राज्य के विश्वविद्यालयों में एडमिशन की प्रक्रिया में नई व्यवस्था लागू करने को लेकर राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है. यूजीसी के रेफरेंस का हवाला देते हुए राजभवन ने कहा है कि विश्वविद्यालयों को इसी साल से शुरू हुए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के जरिए एडमिशन लेना चाहिए. हालांकि यह पत्र सलाह के स्वरूप है. विश्वविद्यालयों को खुद से निर्णय लेना है कि वह कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के जरिए एडमिशन लेंगे या अपनी व्यवस्था को बरकरार रखेंगे.


बताते चलें कि देशभर में लागू नई शिक्षा नीति 2020 के तहत ग्रेजुएशन में एडमिशन 12वीं में मिले अंक के आधार की बजाए एडमिशन टेस्ट के आधार पर होगी. यूजीसी ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को आयोजित करने की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को दी है. यूजीसी के निर्देश पर देश के सभी सेंटर यूनिवर्सिटी समेत कई अन्य विश्वविद्यालय ने इसी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के स्कोर के आधार पर एडमिशन लेने का फैसला लिया है.




राजभवन की ओर से इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर एडमिशन लेने की सलाह दी गई है. रांची विश्वविद्यालय समेत अन्य विश्वविद्यालयों को इस बाबत पत्र भेजा गया है. विनोद बिहारी कोयलांचल विश्वविद्यालय में इस व्यवस्था को लागू करने को लेकर बैठक हुई जहां प्रस्ताव लाया गया हालांकि के निर्णय नहीं लिया गया है.
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