
New Delhi: देश के नौ राज्य बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं. केरल से कर्नाटक तक, गुजरात से महाराष्ट्र तक आसमान से आफत की बारिश हो रही है. नौ राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण अबतक 221 लोगों अपनी जान गंवा चुके हैं. जबकि सैकड़ों लापता बताये जा रहे हैं.
#WATCH People in Pansemal, Barwani cross swollen stream using ropes. #MadhyaPradesh (11.07.19) pic.twitter.com/2UjCddjDO7
— ANI (@ANI) August 12, 2019
बारिश से बेहाल दक्षिण और पश्चिम भारत को रविवार को भी कहीं से कोई राहत नहीं मिली और केरल में जहां 72 लोगों की मौत हुई है. वहीं कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में बारिश और बाढ़ के कारण 111 लोगों की जान चली गयी है.
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केरल में 72 लोगों की मौत
केरल में मूसलाधार बारिश का कहर अब भी जारी है और बाढ़, भूस्खलन तथा बारिश संबंधी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 72 हो गई है. और 58 लोग लापता हैं. इसके अलावा प्रदेश के 2.51 लाख से अधिक लोगों ने 1,639 राहत शिविरों में पनाह ली है.
सरकार की ओर से रविवार शाम तक जारी रिपोर्टों के अनुसार, आठ अगस्त से मलप्पुरम से 23, कोझीकोड़ से 17 और वायनाड से 12 शव मिलने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 72 हो गई
कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रविवार को उड़ान परिचालन बहाल हो गया. रनवे पर पानी भर जाने के कारण हवाई अड्डा दो दिनों से बंद था.
मौसम विभाग ने भारी वर्षा के अनुमान के मद्देनजर कन्नूर, कसारगोड और वायनाड के लिए रेड अलर्ट जारी किया है.
रविवार सुबह आठ बजे तक कोझिकोड के वडकारा में सर्वाधिक 21 सेंटीमीटर वर्षा हुई. त्रिशूर के कोडंगल्लूर में में 19.9 सेंटीमीटर और मलप्पुरम के पेरिंथलमन्ना में 13.8 सेंटीमीटर बारिश हुई.
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि बड़े बांधों में जलस्तर अभी चिंता का विषय नहीं है. सबसे अधिक प्रभावित वायनाड में बृहस्पतिवार को बड़ा भूस्खलन हुआ था और आठ व्यक्ति अब भी लापता हैं. उनकी तलाश जारी है.
विभिन्न स्थानों पर सेना, नौसेना, तटरक्षक, एनडीआरएफ, पुलिस, स्वयंसेवक और मछुआरे बचाव अभियान में जुटे हुए हैं.
कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने जिले में बाढ़ राहत शिविरों का दौरा किया और वहां रूके हुए लोगों से बातचीत की. वह कवलाप्पाडा भी गए.
मलप्पुरम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का का कहना है कि आठ अगस्त को हुए भूस्खलन के बाद कवलाप्पाडा से अभी तक 11 शव निकाले गए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक 50 शवों के मलबे और मिट्टी के भीतर फंसे होने की आशंका है.
कर्नाटक में 40 लोगों की गयी जान
कर्नाटक में भी बाढ़ की स्थित भयावह बनी हुई है और बारिश तथा बाढ़ ने अभी तक 40 लोगों की जान ली है जबकि 14 लोग लापता हैं.
Karnataka floods: Since 1st August 2019, 40 people have lost their lives, 14 missing, 5,81,702 people evacuated, 1168 no. of relief camps operational and 17 districts and 2028 villages affected. pic.twitter.com/3ti7kaDjsG
— ANI (@ANI) August 12, 2019
राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, रविवार तक बारिश और बाढ़ से 40 लोगों की मौत हुई है जबकि 14 अन्य लोग लापता हैं. सरकार ने अभी तक 5.82 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है जिनमें से 3.27 लाख लोग 1,168 राहत शिविरों में रह रहे हैं.
कर्नाटक के बेल्लारी जिला प्रशासन ने नदी के तटों के आसपास रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा है क्योंकि भारी वर्षा के बाद तुंगभद्र बांध के सभी 33 गेट खोल दिये गये हैं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा का कहना है कि प्राथमिक आकलन के अनुसार, राज्य को बारिश और बाढ़ से 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने केन्द्र से तुरंत 3,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की मांग की है.
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उफान पर नदियां
दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक में सभी नदियां उफान पर हैं. बेल्लारी जिले में तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर हम्पी रविवार की सुबह एक जलाशय से 1.70 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद डूब गया. अधिकारियों के अनुसार हम्पी से पर्यटकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.
#WATCH House collapses as flash flood hits Vikas Khand Ghat’s Lankhi village, in Chamoli, #Uttarakhand. State Disaster Response Force team has been rushed to the spot for rescue operation. pic.twitter.com/7KS2VVukcL
— ANI (@ANI) August 12, 2019
कर्नाटक में अप्रत्याशित बाढ़ के चलते पिछले हफ्ते से अब तक 40 लोगों की जान चली गयी और 17 जिलों के 80 तालुकों में चार लाख लोग विस्थापित हो गये.
गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया.
महाराष्ट्र में भी मॉनसून का कहर
पश्चिमी महाराष्ट्र के पांच जिलों में एक हफ्ते में वर्षा जनित घटनाओं में करीब 40 लोगों की मौत हो गयी . उनमें वे 17 लोग भी हैं जो गुरुवार को सांगली में ब्रह्मनाल गांव के समीप नौका के पलटने से डूबकर मर गये थे.
महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अबतक चार लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उनके अनुसार 69 तहसील में 761 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति में सुधार लाने के लिए कर्नाटक में कृष्णा नदी पर अलमाटी बांधी से पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है.
अधिकारी ने बताया कि सतारा में कोयना बांध से 53,882 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है क्योंकि उसके तटबंधीय क्षेत्र में अब भी बारिश हो रही है.
महाराष्ट्र में पिछले एक हफ्ते से कोल्हापुर, सांगली, सतारा, ठाणे, पुणे, नासिक, पालघर, रत्नागिरि, रायगढ़ और सिंधुदुर्ग जिले वर्षा से बेहाल हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि इन दस जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने 29 टीमें, राज्य आपदा मोचन बल ने तीन, तटरक्षक बल ने 16 , नौसेना ने 41, सेना ने 10 टीमें तैनात की हैं.
गुजरात के कई हिस्सों में अब भी भारी वर्षा का दौर जारी है जिससे वर्षा जनित घटनाओं में मरने वालों की संख्या 31 हो गयी है. उनमें सौराष्ट्र में शनिवार से जान गंवाने वाले 12 लोग भी शामिल हैं.
गुजरात के मध्य भाग, सौराष्ट्र एवं कच्छ क्षेत्रों के कई हिस्सों में पिछले तीन दिनों से जबर्दस्त वर्षा हो रही है.
कोल्हापुर और सतारा में सोमवार को भारी बारिश की आशंका
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित पुणे, कोल्हापुर और सतारा जिलों में कई जगहों पर सोमवार को भारी बारिश हो सकती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय के अनुसार, मंगलवार को कुछ कम बारिश होने की संभावना है. इससे राहत कार्यों में मदद मिल सकती है .
तटवर्ती रत्नरागिरि और सिंधुदुर्ग जिलों के लिए भी ऐसे ही पूर्वानुमान हैं. इन जिलों में भी पिछले सात दिन से लगातार बारिश हो रही है. मौसम विभाग का कहना है कि महाराष्ट्र के बाकी हिससों में हल्की और बहुत हल्की बारिश होने की संभावना है.
रेलवे ने माफ किया किराया
दक्षिण रेलवे ने रविवार को मेंगलुरु -तिरुवनंतपुरम एक्सप्रेस, मवेली एक्सप्रेस, मालाबार एक्सप्रेस, कन्नौर-एर्नाकुलम इंटरसिटी एक्सप्रेस और एर्नाकुलम बेंगलुरु इंटरसिटी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें रद्द कर दीं.
रेलवे ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल में राहत सामग्रियों की ढुलाई पर किराया माफ करने की घोषणा की है. इन राज्यों में दस लाख से अधिक लोगों को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए उनके घरों से अन्यत्र ले जाना पड़ा.
रेलवे बोर्ड के उप निदेशक (यातायात वाणिज्यिक) महेंद्र सिंह ने सभी रेल महाप्रबंधकों को भेजे पत्र में कहा, ‘‘ देश के सभी सरकारी संगठन अब कर्नाटक, केरल और महाराष्ट्र मुफ्त में राहत सामग्री ले जा सकते हैं. अन्य संगठन, जिन्हें संभागीय रेल प्रबंधक सही समझते हों, भी इस प्रावधान का लाभ उठा सकते हैं.’’
देश के अलग-अलग हिस्सों की बात करें तो सबसे अच्छी बारिश मध्य भारत में हुई है. यहां सामान्य से 15 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है.
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