
Ranchi: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर चल रही 19 पुरानी योजनाओं का नाम बदल दिया है. इसमें इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, जवाहर लाल नेहरू के नाम से चल रही अधिकतर योजनाएं अब नये नाम से जानी जाती हैं. केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, स्वच्छ भारत अभियान सभी पुरानी योजनाएं हैं. ये योजनाएं यूपीए सरकार ने 11वीं और 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत शुरू की गयी थीं. केंद्र सरकार की यह महात्वाकांक्षी योजनाएं आज भी चल रही हैं.
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केंद्र सरकार ने मनरेगा का नाम अभी नहीं बदला है, क्योंकि यह योजना ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे गरीबों को न्यूनतम 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने से जुड़ी है. इस योजना में महात्मा गांधी का नाम जुड़ा है. वैसे भी केंद्र सरकार जोर-शोर से इस बार महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रही है. इसके अंतर्गत देश भर में स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है.


पूर्ववर्ती सरकार ने शुरू की थी नेशनल ई-गवर्नेंस योजना


पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की ओर से शुरू की गयी, नेशनल ई-गवर्नेंस योजना का नाम बदल कर डिजिटल इंडिया कर दिया गया है. इससे देश भर में ई-गवर्नेंस के जरिये शासन-प्रशासन में पारदर्शिता लाने और सरकारी सेवाओं को डिजिटल आधार पर लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया था. अब केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया के नाम पर खूब प्रचार-प्रसार कर रही है.
कमोवेश यही स्थिति प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की है. इसे नेशनल स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम से जाना जाता था. केंद्र सरकार ने इसके लिए कौशल विकास फंड भी बनाया था. 24 जनवरी 2008-09 से शुरू की गयी ‘राष्ट्रीय बालिका कार्यक्रम’ को भी अब ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के नाम से जाना जाने लगा है. ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के शुरू होने से ‘धनलक्ष्मी और सबला योजना’ को केंद्र ने बंद कर दिया.
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स्वच्छता अभियान भी है पुराना
यूपीए सरकार की तरफ से शुरू किये गये ‘संपूर्ण स्वच्छता अभियान’ को अब ‘स्वच्छता अभियान’ कर दिया गया है. इसे पूर्व की सरकारों ने ‘निर्मल भारत अभियान’ के नाम से 1986 से 1999 के दौरान शुरू किया था. केंद्र की एक और महत्वाकांक्षी योजना ‘राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना’ को बदल कर ‘दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना’ कर दिया गया है. इससे राज्य के वैसे गांवों में बिजली पहुंचायी जा रही है, जहां बिजली नहीं है. गांवों में रहनेवाले बीपीएल, जनजातीय और आदिम जनजाति परिवार के लिए शुरू की गयी ‘इंदिरा आवास योजना’ अब ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ में तब्दील हो गयी है. इसके लिए दो-दो लाख लाभुकों को दिये जा रहे हैं.
वहीं शहरी गरीबों के लिए चल रहा ‘राजीव आवास योजना’ अब ‘सरदार पटेल नेशनल अरबन हाउसिंग मिशन’ के नाम से जाना-जाने लगा है. ग्रामीणों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की योजना ‘राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन’ अब ‘दीनदयाल ग्रामीण कौशल योजना’ के नाम से जानी जा रही है.
कौन-कौन सी योजनाओं के बदले गये नाम
पूर्व की सरकारों की ओर से शुरू योजना– मोदी सरकार में बदला नाम
जेएनयूआरएम– अटल मिशन फॉर रीजूवेनेटाइज अरबन ट्रांसफोरमेशन
इंदिरा गाधी मातृत्व सहयोग योजना– पीएम मातृत्व वंदना योजना
स्वावलंबन योजना– अटल पेंशन योजना
इंदिरा आवास योजना– पीएम आवास योजना
निर्मल भारत अभियान– स्वच्छ भारत अभियान
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नेशनल गर्ल चाइल्ड प्रोग्राम– बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
बेसिक सेविंग्स बैंक डिपोजिट एकाउंट– पीएम जनधन योजना
एआईबीपी– पीएम कृषि सिंचाई योजना
परंपरागत कृषि विकास योजना– राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना– प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत