
News Wing Desk
इस बार नाग पंचमी पर दो शुभ योग बन रहा है. नाग पंचमी का त्योहार हर वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस बार नाग पंचमी का त्योहार दो अगस्त को है. नाग पंचमी के दिन किये गये उपाय कालसर्प और राहु दोष की शांति के लिए सबसे उपयुक्त दिन माना जाता है. पंडित उमाशंकर पाठक बताते हैं कि कुछ ऐसे योग होते हैं जिसे बहुत ही अशुभ माना गया है. ऐसा ही दोष कालसर्प दोष होता है. कालसर्प दोष व्यक्ति की कुंडली में मौजूद होने से व्यक्ति को कई तरह परेशानियों का सामना करना पड़ता है. काफी संघर्ष करना पड़ता है. भाग्य साथ नहीं देता है. साथ ही मन में निराशा का भाव पैदा होने लगता है. सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि नाग पंचमी मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के त्योहार के दिन कालसर्प दोष की पूजा करने पर व्यक्ति को इस दोष से छुटकारा मिलता है.
ये रहा नाग पंचमी का मुहूर्त
- सावन पंचमी तिथि का प्रारंभ- दो अगस्त,मंगलवार सुबह 5 बजकर 14 मिनट से
- पंचमी तिथि का समापन- तीन3 अगस्त, बुधवार सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर
- नाग पंचमी पूजा मुहूर्त- दो अगस्त, सुबह 06 बजकर 06 मिनट से 8 बजकर 42 मिनट तक
शिव योग और सिद् योग
इस बार नाग पंचमी तिथि पर दो शुभ योग बन रहा है. पंडित उमाशंकर पाठक के अनुसार दो अगस्त को नाग पंचमी पर शिव योग और सिद्धि योग बन रहा है. शिव योग दो अगस्त को शाम छह बजकर 39 मिनट तक रहेगा. इसके बाद सिद्धि योग आरंभ हो जाएगा. शिव योग में शिव उपासना और नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने से कुंडली से काल सर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है.
इस तरह करें कालसर्प दोष मुक्ति पूजा
नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए पूजा बहुत लाभकारी सिद्ध होती है. नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष के निवारण के लिए श्री यंत्र पूजा स्थान पर रखें. नाग मंदिर में दूध चढ़ाएं. कांसे की थाली में हलवा बनाकर बीच में चांदी का सर्प रखकर दान करें. शिव आराधना करें. सवा मीटर नीला वस्त्र, नारियल, काले तिल, शीशा, सफेद चंदन, काला सफेद कंबल, सरसों का तेल, सात अनाज दान करें. सूर्य-चंद्र ग्रहण या नाग पंचमी पर रुद्राभिषेक करवाएं. चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा तांबे के पात्र में शहद भर के रखें पूजा के बाद विसर्जित कर दें.
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