
Ranchi: सदन में झामुमो विधायक दीपक बिरुआ ने मोटर वैकिल इंस्पेक्टर (एमवीआई) की नियुक्ति का मामला सदन में उठाया. इन्होंने बताया कि परिणाम प्रकाशन के चार साल बाद भी सफल अभ्यर्थियों को बहाल नहीं किया जा सका है. राज्य के 24 जिलों में फिलहाल सिर्फ 2 ही स्थायी एमवीआई बहाल हैं. शेष 9 संविदा पर हैं.
इसे भी पढ़ेंः झारखंड के पारा शिक्षकों का आंदोलन शुरू, पहले दिन विधानसभा घेरने की कोशिश
इसपर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री आलमगीर आलम ने जवाब में कहा कि अहर्ता संबंधित प्रमाण पत्रों में त्रुटियां पायी गयी हैं. इसलिए सभी अनुशंसित 11 अभ्यर्थियों के एमवीआई पद पर नियुक्ति के दावा को अमान्य कर दिया है. इसपर प्रश्नकर्ता विधायक बिरुआ ने कहा कि उनको आरटीआई के माध्यम से मिले जवाब में कहा गया है कि सिर्फ एक प्रमाणपत्र में त्रुटि थी, शेष सही थे.
इसे भी पढ़ेंः विधानसभा में सीएम हेमंत का बड़ा एलान: बेरोजगारों को मिलेगा 5 हज़ार प्रति वर्ष और निजी नौकरी में 75 फीसदी आरक्षण
दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्पीकर ने नियमन दिया कि दीपक बिरुआ और मंत्री उनके कक्ष में आयें. उन्होंने विधायक से प्रमाण दिखाने को कहा है. साथ ही कहा कि प्रमाण देखने के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी. बता दें कि एमवीआई के लिए नियुक्ति की परीक्षा का आयोजन जनवरी 2017 में कराया गया था.