
Ranchi: सरना प्रार्थना सभा की ओर से रविवार को पंडरा सरना स्थल में सरना प्रार्थना सभा सह झंडा गडी कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसमें धना तिर्की, शिवा कच्छप, विरेन्द्र भगत, जयपाल उरांव ने पूजा-अर्चना व दीप प्रज्वलित कर झंडा गड़ी कार्यक्रम का शुभारंभ किया. झंडा गड़ी के लिए शनिचरिया उरांव के द्वारा तीन दिन से उपवास रखा गया था, जिसे पहान धना तिर्की, शिवा कच्छप, विरेन्द्र भगत, जयपाल उरांव की मौजूदगी में समाप्त कराया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदिवासी सेना अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि झारखंडी संस्कृति को बचाने के लिए लोगों को पहल करने की जरूरत है. आज राज्य में सरना समाज पर सभी ओर से हमला किया जा रहा है. सरना धर्म और संस्कृति को सामाजिक प्रयास से ही बचाना संभव है. इसके लिए समाज के प्रबुद्ध लोगों को सामने आना पड़ेगा. साथ ही समाज में आपसी सांप्रदायिक सद्भाव, प्रेम, भाईचारा को बनाये रखने के साथ पंरपरा को बचाये रखना भी हमारी जिम्मेदारी है.
आदिवासियों को धर्म के प्रति सजग रहने पर दिया जोर
पंडरा मुखिया सुनील तिर्की ने कहा कि आदिवासी को अपने धर्म के प्रति सजग और जागरूक रहने की जरूरत है. समाज अगुवा विरेंद्र भगत ने कहा कि आदिवासी पंरपरा संस्कृति और आस्था सर्वोपरि है. इस बात को समझने की जरूरत है. प्रार्थना सभा के मध्यम से युवाओ को संगठित करने का प्रयास जारी है. कार्यक्रम को धर्म गुरु जयपाल उरांव, प्रो प्रवीन उरांव ने भी सम्बोधित किया.
आयोजन में इनकी रही भूमिका
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रिया तिर्की, निशा तिर्की, सुका उरांव, लालू खलखो, महादेव उरांव, सुनील टोप्पो, संजय तिर्की, बिरसी तिर्की, सोमारी तिर्की, राजू तिर्की, सुकरमणी तिर्की, सबिता गाडी, प्रतिमा खलखो, पुकली खलखो, विघा तिर्की, गिता तिर्की, अनिता तिर्की, बिना गाडी, सती तिर्की ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
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