
Ranchi: रांची में जेएनएनयूआरएम के तहत मिसिंग लिंक स्कीम चलाया जा रहा है. इसके अलावे अमृत योजना फेज-1 और 2 के तहत भी शहरी जलापूर्ति योजना पर काम चल रहा है. पर जलापूर्ति योजना में लगी एजेंसियां लापरवाही बरत रही हैं.
मिसिंग लिंक स्कीम और अमृत योजना के तहत जिन वार्डों में राइज़िंग व डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछाए जा रहे हैं, उन क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने के लिए की गई खुदाई का रेस्टोरेशन (मरम्मत कार्य) नहीं किया जा रहा है. इसे लेकर रांची नगर निगम ने चिंता जतायी है.
मंगलवार को मेयर आशा लकड़ा ने जलापूर्ति योजनाओं को समीक्षा करते हुए कहा कि रेस्टोरेशन का कार्य नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है.


पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जुडको व रांची निगम के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पाइपलाइन बिछाने के लिए पूर्व में जिन स्थानों पर खोदाई की गई है, उन जगहों पर रेस्टोरेशन (मरम्मत कार्य) जल्द से जल्द पूरा कराएं. जब तक रेस्टोरेशन का कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक नए स्थल पर पाइपलाइन बिछाने के लिए एनओसी नहीं दी जाएगी.


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रेस्टोरेशन में लापरवाही पर भुगतान पर रोक
मेयर के मुताबिक जलापूर्ति योजनाओं में लगी एजेंसियां अगर रेस्टोरेशन के कार्य में लापरवाही बरतेंगी तो निगम एक्शन लेगा. निगम के माध्यम से भुगतान की जाने वाली 20 फीसद की राशि पर रोक लगाई जाएगी.
संबंधित एजेंसियों ने जवाबदेही नहीं ली तो निगम अपने स्तर से संबंधित जगहों पर इसे करायेगा. साथ ही एजेंसी को किए जाने वाले भुगतान की राशि मे कटौती कर रेस्टोरेशन कार्य पर किए गए खर्च की भरपाई करेगा.
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अमृत योजना पर अब तक 110 करोड़ खर्च
शहरी जलापूर्ति योजना की समीक्षा के दौरान पता चला कि मिसिंग लिंक स्कीम के तहत राइज़िंग पाइपलाइन बिछाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. जबकि विभिन्न वार्डों के गली-मोहल्लों में बिछाए जा रहे डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन का काम महज 30-35 फीसद ही पूरा हुआ है.
इसके अलावा अमृत योजना फेज-1 के तहत अब तक मात्र चार जलमीनार का निर्माण कार्य ही पूरा किया गया है. अन्य चार जलमीनार का निर्माण कार्य चल रहा है, जबकि शेष 06 जलमीनार के निर्माण के लिए अब तक स्थल चिन्हित नहीं किया गया है.
मिसिंग लिंक स्कीम व अमृत योजना फेज-1 के तहत संबंधित एजेंसियों को अब तक 110 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. काम की जो स्थिति है, उसके कारण इस साल भी गर्मी के मौसम में राजधानी वासियों को पाइपलाइन से जलापूर्ति की सुविधा नहीं मिल पाएगी.
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