
Mumbai: दक्षिण मुंबई के डोंगरी में मंगलवार को महाडा की चार मंजिला रिहायशी इमारत गिर गयी. घनी आबादी वाले इलाके में स्थित इस इमारत के मलबे में दबकर 12 लोगों की मौत हो गयी.
स्थानीय निकाय के अधिकारियों ने बताया कि मलबे में अभी तक 40-50 लोगों के फंसे होने की आशंका है. जबकि अभी तक पांच लोगों को मलबे में से सुरक्षित निकाला गया है.
राज्य के आवास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बताया कि दक्षिण मुंबई के डोंगरी में टंडेल मार्ग पर एक संकरी गली में स्थित ‘कौसर बाग’ बिल्डिंग गिरने से 12 लोगों की मौत हो गई है.


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हादसे के बाद पुलिस, दमकल की गाड़ियां और NDRF की टीम ने बचाव कार्य शुरू किया. चश्मदीदों की मानें तो मलबे में करीब 8-10 परिवार दबे हो सकते हैं.
संकरी गली के कारण बचाव कार्य में परेशानी
बेहद घनी आबादी और संकरी सड़कों वाले इलाके में स्थित इस इमारत में काफी लोग रह रहे थे. इसके मलबे में 40-50 लोगों के फंसे होने की आशंका है. बीएमसी ने इमामबाड़ा नगरपालिका उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय में आश्रयस्थल बनाया है.
Maharashtra: Death toll rises to 4 in the Kesarbhai building collapse in Dongri, Mumbai, today. 3 teams of National Disaster Response Force (NDRF) are engaged in rescue operations. #MumbaiBuildingCollapse pic.twitter.com/mN23bG9Bmp
— ANI (@ANI) July 16, 2019
दमकल विभाग, मुंबई पुलिस और निकाय अधिकारी मौके पर पहुंच गये हैं, लेकिन संकरी सड़कों के कारण राहत एवं बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं. बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे हैं और मलबा हटाने में मदद कर रहे हैं.
एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंच पा रही है, उसे 50 मीटर की दूरी पर खड़ा करना पड़ा. मौके पर पहुंचे मुम्बादेवी के विधायक अमिर पटेल का कहना है कि हमार अंदाजा है कि मलबे में अभी भी 10-12 परिवार फंसे हुए हैं.
एक अन्य विधायक भाई जगताप का कहना है कि निवासी लगातार महाडा से शिकायत कर रहे थे कि इमारत बहुत पुरानी है और बेहद खस्ता हाल है.
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100 साल पुरानी थी इमारत
इस बीच BMC की एक चिट्ठी सामने आई है, जिसमें इस बिल्डिंग को C1 श्रेणी का बताया गया है. इसका मतलब है कि इस बिल्डिंग को खतरनाक बताया गया है और खाली करने की सलाह दी गई है.
मामले को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ये 100 साल पुरानी इमारत है, वहां के निवासियों को इस बिल्डिंग के रिडेवलेप होने की परमिशन मिली थी. हालांकि, अभी हमारा फोकस लोगों को बचाने पर है. जब सारी बातें सामने आएंगी तो इसकी जांच करायी जायेगी.
गौरतलब है कि इस इमारत का मालिकाना हक महाराष्ट्र आवास एवं विकास प्राधिकरण (महाडा) के पास है. संस्था के अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं. वहीं महाडा का कहना है कि उसने इमारत रिडेवलप होने के लिए एक प्राइवेट बिल्डर को दी थी और वह जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
महाडा के अध्यक्ष उदय सामंत का कहना है कि डोंगरी स्थित इमारत उसके अधिकार क्षेत्र में जरूर थी, लेकिन उसे रिडेवलप के लिए प्राइवेट बिल्डर को दिया गया था.
उन्होंने कहा, अगर बिल्डर ने पुन:विकास में देरी की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. यदि महाडा के अधिकारी इसेके लिए जिम्मेदार हैं तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी.
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