
Ranchi: झारखंड मनरेगा कर्मचारी संघ ने राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ज्ञापन सौंप कर उनके साथ विगत डेढ़ साल पहले हुई वार्ता में किए गये समझौता के अनुपालन कराने का आग्रह किया है. संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश सोरेन ने ने 20 सितंबर 2020 को ही संघ के साथ वार्ता हुई थी, लेकिन उसका फलाहल 18 माह बाद भी नहीं आया है, जिस कारण मनरेगाकर्मी काफी आक्रोशित हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार द्वारा कर्मियों को परेशान करने वाले अहितकारी फैसलों के पत्र फटाफट जारी हो रहा है और हमारी जायज मांगों की पूर्ति की दिशा में कोई उचित संकेत नहीं मिल पा रहा है. इससे न केवल विश्वसनीयता में गिरावट हो रही है बल्कि राज्य फिर आंदोलन की ओर बढ़ रहा है.
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उन्होंने विभागीय मंत्री से आग्रह किया है कि एक सप्ताह के अंदर हमारे हितों की पूर्ति के लिए बंगाल सरकार के तर्ज पर तत्काल मानदेय वृद्धि ,बिहार सरकार की तरह सेवा पुस्त संधारण का आदेश, झारखण्ड में घोषित नवीनतम महंगाई भत्ता 196% के आधार पर मानदेय का पुर्ननिर्धारण, मणिपुर, हिमाचल या राजस्थान के तर्ज पर स्थायीकरण तथा 10 /09/20को वार्ता के दौरान सहमति बन विन्दुवों पर संकल्प जारी किया जाए.
उन्होंने कहा कि विगत दिनों कोडरमा जिला में एक साथ 75 मनरेगाकर्मियों के इस्तीफे ने पूरे राज्य में आंदोलन, हड़ताल कार्य बहिष्कार और जोरदार विरोध की स्थिति पैदा कर दिया. संघ ने अपने ज्ञापन की प्रतिलिपी ग्रामीण विकास सचिव,मनरेगा आयुक्त को भी दी है.
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