
Ranchi: झारखंड कांग्रेस के तीनों विधायकों डॉ इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी को कलकत्ता हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. गौरतलब है कि 30 जुलाई 2022 को तीनों विधायकों को कोलकाता पुलिस ने एनएच-16 पर रानीहाटी के पास 49 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था. बाद में इस मामले की जांच कोलकाता सीआइडी को ट्रांसफर कर दी थी. विधायकों पर आरोप है कि उन्होंने झारखंड की मौजूदा हेमंत सरकार को गिराने के एवज में ये रुपये लिए थे, वहीं विधायकों का तर्क था वे लोग विश्व आदिवासी दिवस पर वितरण के लिए साड़ी और फुटबॉल खरीदने जा रहे थे.

ईडी करेगी कैश कांड की जांच
कैश कांड के इस मामले में ईडी मनी लॉड्रिग की जांच करेगी. ईडी ने तीनों विधायकों के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया है. कैश कांड मामले की जांच कोलकाता पुलिस भी कर रही है. वहीं तीनों विधायकों के खिलाफ विधायक दल के नेता आलमगीर आलम की शिकायत पर स्पीकर के न्यायाधीकरण में भी दल-बदल का मामला चल रहा है.
विधायक अनूप सिंह ने कराया है एफआईआर, जिसे ईडी ने बनाया आधार
30 जुलाई को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में तीनों विधायकों को गिरफ्तार के बाद रांची स्थित अरगोड़ा थाने में बेरमो से विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने जीरो एफआईआर दर्ज करवाई. प्राथमिकी में कहा गया था कि गिरफ्तार तीनों विधायक ने उन्हें हेमंत सरकार को गिराने के एवज में मंत्रीपद और 10 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था. तीनों विधायकों ने उनको कोलकाता बुलाया था जहां से वे गुवाहाटी जाने वाले थे. गुवाहाटी में उनकी मुलाकात असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा से होनी थी. रांची पुलिस ने इस जीरो एफआईआर को कोलकाता पुलिस को ट्रांसफर कर दिया था. पश्चिम बंगाल सरकार ने मामले की जांच सीआइडी को सौंप दी थी.
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