
Ranchi : विधायक फंड से 50 लाख रुपए तक की राशि निश्चित रूप से पेयजल योजनाओं में खर्च करने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है. अब राशि विधायक की इच्छा पर विधानसभा क्षेत्र में पेयजल योजनाओं पर खर्च किया जा सकेगा. इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग जल्द संकल्प जारी करेगा. झारखंड में विधानसभा वार प्रत्येक विधायक को 4 करोड़ रुपए की राशि एमएलए फंड के तहत दी जाती है.
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राज्य सरकार ने 3 साल पहले यह प्रावधान किया था कि एमएलए फंड से 50 लाख की राशि निश्चित रूप से पेयजल योजना पर खर्च की जायेगी.



ग्रामीण एरिया में जलापूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए इस प्रावधान को लागू किया गया है. यह बात सामने आ रही है कि अधिकांश क्षेत्रों में जलापूर्ति के लिए कार्य किया गया है. वहीं अन्य योजनाओं से भी काम हो रहा है.



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ऐसे में राज्य के विधायकों ने सरकार से अनुरोध किया था कि विधायक फंड इस्तेमाल की ऐच्छिक अनुमति दी जाये. मंत्रिपरिषद में इस पर विचार हुआ और एमएलए फंड की 50 लाख की राशि निश्चित रूप से पेयजल योजनाओं में खर्च करने की बाध्यता को समाप्त किया गया. ऐसे में अब विधायक विकास की योजनाओं का चयन कर सकेंगे.
पूरे चार करोड़ की राशि खर्च करने की अनुशंसा सड़क, पुल, नाली ,पेयजल सहित अन्य विकास योजना में ऐच्छिक रूप खर्च कर सकेंगे.
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