
Ranchi : महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने राज्य में चल रहे भाषा विवाद को अनावश्यक बताया है. उनके मुताबिक भोजपुरी, मगही, अंगिका जैसी भाषाओं को लेकर चल रहा विवाद ठीक नहीं. भाषा के आधार पर इस राज्य को बांटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. बुधवार को एक वीडियो जारी करते हुए उन्होंने कहा है कि भाषा संवाद बनाने का जरिया हो सकता है.
भाषा के आधार पर इस राज्य को बांटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।ये संवाद बनाने का जरिया हो सकता है समाज बाँटने का नहीं।इसका बुरा असर युवा वर्ग पर हो रहा है।अनुरोध है अपने राज्य को मज़बूत बनाने का काम करें न की कमज़ोर करने का।@HemantSorenJMM @avinashpandeinc @kcvenugopalmp @RahulGandhi pic.twitter.com/44HHeDShGn
— Dipika Pandey Singh (@DipikaPS) February 16, 2022


समाज को बांटने का आधार नहीं. इस राज्य के गठन में आदिवासी, मूलवासी और दूसरों का भी योगदान है. युवाओं को इसे समझने की जरूरत है. भाषा विवाद के कारण सबसे बुरा असर युवा वर्ग पर पड़ रहा है. ऐसे में जरूरी है कि इस राज्य की उन्नति और अपने लिए बेहतर भविष्य की खातिर हम सब एकजुट हों. मिल कर राज्य को मजबूत बनाने का काम करें न कि इसे कमजोर करने का.


भोजपुरी-मगही के लिए उठाती रही है आवाज
गौरतलब है कि दीपिका पांडेय सिंह लगातार भोजपुरी, मगही, अंगिका, मैथिली जैसी भाषाओं के प्रति अपना समर्थन जताती रही हैं. विधानसभा के शीतकालीन सत्र (दिसंबर 2020) में भी उन्होंने इसे लेकर अपनी बात रखी थी. कहा था कि कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में इसे स्थान दिया जाये. भाषाई उपेक्षा के कारण राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है.
जेएसएससी परीक्षाओं में भोजपुरी, हिन्दी, अंगिका जैसी भाषाओं को दरकिनार कर दिया गया है. इसे बाहरी भाषा माना जा रहा है. सच यह है कि इस राज्य का गठन सभी के सहयोग से हुआ था. भाषा विवाद के कारण भाई से भाई की लड़ाई की स्थिति उत्पन्न हो रही है. ऐसी स्थिति से बचा जाये. विधानसभा सत्र से पहले भी उन्होंने इस विषय पर राज्य सरकार को पत्र लिख कर इस पर पहल करने की अपील की थी.
इसे भी पढ़ें- विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने फिर की भोजपुरी, अंगिका, मैथिली को JSSC की परीक्षाओं में मान्यता देने की मांग