
Ranchi: गोस्सनर कॉलेज, रांची की स्थापना के 50 वर्ष पूरे हो गये हैं. बुधवार को कॉलेज में आयोजित गोल्डन जुबली समारोह में सीएम हेमंत सोरेन ने उसके योगदान को सराहा. कहा कि उन्होंने अस्सी के दशक में इस शानदार कॉलेज को बनते देखा था. इस कैंपस में आने का हालांकि मौका कभी नहीं बना. अब यहां मुख्य अतिथि के तौर पर आने से वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. झारखंड जैसे राज्य में मिशनरियों ने शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है. कुल शैक्षणिक स्तर का 60 फीसदी से भी अधिक योगदान मिशनरियों का रहा है.
इसमें गोस्सनर कॉलेज जैसे संस्थानों का भी रोल है. आदिवासियों, दलितों, कमजोर वर्ग को शैक्षणिक रूप से जागरूक करने में कॉलेज का योगदान सराहनीय है.
मौके पर विधायक नमन विक्सल कोंगारी, राजेश कच्छप और कॉलेज के प्रिंसिपल, एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़ी टीम के अलावा कई अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे.


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सरकार के साथ कॉलेज का योगदान
सीएम के मुताबिक कोरोना काल में सरकार ने अपने स्तर से शैक्षणिक व्यवस्था को गांव से लेकर शहर तक बनाये रखने में प्रयास किये. इसमें शैक्षणिक संस्थानों, कॉलेजों का भी मार्गदर्शन और सहयोग मिला.
खासकर गरीब, आदिवासी के लिए गोस्सनर जैसे शैक्षणिक संस्थान ने अहम प्रयास किये. अभी इस कॉलेज में 27 विभाग हैं. 9000 बच्चे पढाई कर रहे हैं. यह बेहद खास है.
तमाम चुनौतियों के बीच यहां तक का कॉलेज का सफर मायने रखता है. शिक्षा के साथ साथ बच्चों को खेल, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने का कॉलेज का प्रयास तारीफ के योग्य है.
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ऑनलाइन शिक्षा की चुनौतियां
कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा की स्थिति सामने आ गयी. अब यह हकीकत भी है. पर इस व्यवस्था के अच्छे और बुरे पहलु भी हैं.
खासकर गरीब, वंचित बच्चों के लिए समस्या ज्यादा है. ऐसे में हम सबों को ऐसे तरीके ढूंढने होंगे जिसमें ऑनलाइन शिक्षा को सहज, सुलभ और रोचक बनाया जा सके.
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