
Ranchi: वन नेशन वन राशन कार्ड का लाभ झारखंड के लाभुक नहीं ले पा रहे हैं. सूबे के करीब पांच लाख मजदूरों में से मात्र 32 मजदूर ही दूसरे राज्यों में इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. लॉकडाउन के समाप्त होने के बाद राज्य से लगातार मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. आंकड़ों के अनुसार करीब सात लाख मजदूर लॉकडाउन में वापस झारखंड लौटे थे. ये सभी प्रवासी मजदूर धीरे-धीरे अपने पुराने व नये काम की तलाश में बाहर जा रहे हैं. लेकिन वहां पर उन्हें सरकारी राशन का लाभ नहीं मिल रहा है.
विभागीय सुत्रों के अनुसार लॉकडाउन के वक्त प्रवासी मजदूरों को राशन लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था. उन्हें योजनाओं का लाभ लेने के लिए जागरूक भी किया गया. लेकिन जैसे ही चीजें सामान्य होने लगी इन चीजों को महत्व देना कम कर दिया गया. आज स्थिति यह है कि लाखों मजदूरों को बाहर अपनी कमायी का अधिकतर हिस्सा राशन खरीदने में लगाना पड़ रहा है. जबकि लॉकडाउन के बाद बेरोजगार मजूदरों को नये रोजगार में पहले से भी कम सुविधा मिल रही है.
योजना का लेना चाहिए लाभ
इन मुद्दों पर विभागीय निदेशक डी तिग्गा बताते हैं कि लोगों को इस योजना का लाभ लेना चाहिए. अगर किसी तरह की कोई समस्या आती है तो उनके लिए टॉल फ्री नंबर भी जारी किया गया है जहां वे शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. इस योजना से किसी योग्य लाभुकों को वंचित नहीं किया जा सकता है.
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प्रवासी मजदूरों ने सबसे अधिक यूपी में उठाया अनाज
वन नेशन वन राशन कार्ड येाजना के तहत पलायन के बाद से अभी तक 20 मजदूरों ने सबसे अधिक बिहार से राशन का लाभ उठाया है. जबकि हरियाणा, मध्य प्रदेश व त्रिपुरा से दो-दो लोगों ने राशन लिया, गुजरात में तीन और गोवा में एक ने लाभ लिया है. इसके बाद नौ मजदरों ने यूपी से और दो मजदूरों में महाराष्ट्र से झारखंड के राशन कार्ड से लाभ लिया है. इसके अलावा अगर देखा जाए कि झारखंड में कितने दूसरे राज्यों के मजदूरों ने राशन उठाया है तो पाया जाएगा कि इसकी संख्या करीब 65 के आसपास है. इसमें बिहार के 54, महाराष्ट्र के दो और यूपी के नौ मजदरूर शामिल हैं.
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