
Pravin kumar
Ranchi : देश में कोरोना के प्रकोप ने लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है. खासतौर पर दूसरे राज्य में रहकर काम करने वाले प्रवासी श्रमिकों को कोरोना काल में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. प्रवासियों के लिए अब झारखंड सरकार ने गांव स्तर पर ही रोजगार देने की व्यवस्था शुरू की है. मनरेगा योजना को राज्य में युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है.
लेकिन अभी भी कई प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. सूबे में 5 लाख 11 हजार 952 नये परिवारों को सूचीबद्ध किया गया है. जिसका जॉबकार्ड अभी तक जारी नहीं किया गया है. जिसमें सिमडेगा जिला के 16105 मजदूर शमिल हैं.






वहीं दूसरी ओर कुशल मजदूर जैसे राजमिस्त्री, प्लम्बर, वाहन चालक के अलावा अन्य मनरेगा में 194 रूपये की मजदूरी में काम भी नहीं करना चाहते. घर लौटे प्रवासी मजदूरों से अब दूसरे राज्यों में लेबर सप्लाई करने वाले ठेकेदार भी संपर्क कर रहे हैं. इसके लिए वाहन भी भेजने की बात कह रहे हैं. जबकि मजदूरों को सरकार से उम्मीद है कि सूबे में ही उन्हें काम मिल जायेगा.
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क्या कहते हैं घर लौटे प्रवासी मजदूर
गुजरात में रह कर राजमिस्त्री का काम करने वाले पतिअंबा पंचायत के प्रवासी मजदूर कहते हैं कि राजमिस्त्री का काम करते थे. अब दो महीने से बैठे हैं. जिस तरह हमें घर लौटने में सरकार ने सहयोग किया. अब वैसे ही काम देने की भी पहल करें. कहा कि अपने गांव में 700 की जगह 500 रूपये की मजदूरी भी मिलेगी तब भी काम करेंगे.
सरकार से विनती करते हैं रोजगार देने की करें पहल
सिमडेगा जिला के जलडेगा प्रखंड के पतिअंबा पंचायत के सुखराम महतो कहते हैं कि गोवा में काम करते थे. अब मनरेगा में काम कर रहे हैं. लेकिन मजदूरी इतना काम है कि परिवार का गुजर बसर करना मुश्किल है.
हम मजबूर हो रहे पलायन को
पतिअंबा पंचायत के बस्ती टोली के प्रवासी मजदूर कहते हैं कि दो महीने से घर में बैठे हैं कोई रोजगार नहीं है. जिससे हम पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं. सरकार से निवेदन करते हैं कि काम उपलब्ध कराने की पहल करें.
जबकि कुछ मजदूरों ने कहा कि हम लोगों को तमिलनाडू,गुजरात, आंध्रप्रदेश से ठेकेदार वापस जेने के लिए संपर्क कर रहे हैं. साथ ही बस भेजने की बात भी कह रहे हैं. हमलोगों को काम नहीं मिला तो मजबूर होकर पलायन करना ही पड़ेगा.
सिमडेगा पतिअंबा पंचायत में 300 प्रवासी लौटे
नरेगा वॉच से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता तारामणि साहू कहती हैं कि सिमडेगा के जलडेगा प्रखंड के पतिअंबा पंचायत में ही करीब 300 से अधिक प्रवासी मजदूर गुजरात, केरल, आंध्रप्रदेश और गोवा से लौटे हैं. जिसमें कई लोगों के पास जॉब कार्ड नहीं है.

जबकि जेएसएलपीएस के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों के कौशल का सर्वे भी किया गया. 2 माह से अधिक बीत गये. लेकिन कौशल के अनुसार प्रवासी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. घर लौटे प्रवासी मजदूरों को लाने में राज्य सरकार की भूमिका को मजदूर सराह रहे हैं.
लेकिन रोजगार उपलब्ध ना होने से निराश हो रहे हैं. इसका लाभ लेबर सप्लायर और ठेकेदार उठाने का प्रयास कर रहे हैं और मजदूरों को दूसरे राज्यों में ले जाने के लिए गाड़ी भेजने की बात कह रहे हैं. साथ ही कहा कि जिस तरह प्रवासियों को वापसी के लिए राज्य सरकार ने भूमिका निभायी , अब वैसी ही रोजगार उपलब्ध कराने में भी उम्मीद कर रहे हैं.
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