
NewDelhi : जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा जावेद ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर कहा है कि आज जब पूरा देश आजादी मना रहा है, तब कश्मीरियों को जानवरों की तरह पिजरों में बंद कर दिया गया है. उन्हें मूलभूत मानवाधिकारों से वंचित रखा जा रहा है. एनडीटीवी के अनुसार, इल्तिजा ने लिखा है कि उन्हें धमकी दी जा रही है कि यदि वह फिर से बोलीं तो उन्हें इसके गंभीर अंजाम भुगतने होंगे.
जान लें कि आर्टिकल 370 के प्रावधान हटाये जाने के साथ ही राज्य में धारा 144 लागू है, अधिकतर बड़े नेता नजरबंद या हिरासत में हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की चीफ महबूबा मुफ्ती भी पुलिस की हिरासत में हैं. खबर है कि महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा जावेद भी अपने घर में नजरबंद है. अब खबर आयी है कि इल्तिजा जावेद ने अमित शाह को पत्र लिखा है.
एक नागरिक को बोलने का अधिकार नहीं है?
इल्तिजा ने लिखा है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में क्या एक नागरिक को बोलने का अधिकार नहीं है? यह दुखद है कि मेरे साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है कि जैसे मैं कोई युद्ध अपराधी हूं. जानकारी है कि महबूबा मुफ्ती की बेटी ने एक ऑडियो संदेश भी अमित शाह को भेजा है. सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले आर्टिकल 370 के प्रावधान हटा दिये और जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया है..
जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग कर दोनों को केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया गया है. राज्य में बड़े स्तर पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया और धारा 144 लागू कर दी गयी है. सरकार ने राज्य के अधिकतर बड़े नेताओं को या तो नजरबंद कर दिया या फिर उन्हें हिरासत में ले लिया है. इसी के तहत महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला भी इन दिनों हिरासत में हैं, हाल ही में युवा नेता पूर्व आईएएस शाह फैसल को भी हिरासत में ले लिया गया था. इसके साथ ही राज्य में टेलीफोन सेवाएं और इंटरनेट बंद है.
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