
NewDelhi : लोकसभा चुनाव नजदीक हैं. ऐसे में पीएम मोदी के प्रबल समर्थक भी उनके खिलाफ आवाज उठाने लगे, तो मोदी के लिए यह खतरे का संकेत है. बता दें कि जानेमाने अर्थशास्त्री और ब्रिटिश राजनीतिज्ञ मेघनाद देसाई ने मोदी की कड़ी आलोचना की है. हालांकि वे मोदी के समर्थक रहे हैं. अब उन्होंने यहां तक कह डाला है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में निराश जनता मोदी के पक्ष में दोबारा वोट नहीं डालेगी. साथ ही कहा कि पीएम मोदी टीम लीडर नहीं हैं. पीटीआई को दिये अपने इंटरव्यू में मेघनाद देसाई ने कहा, मोदी ने जरूरत से ज्यादा वादे किये और उनका यह विश्वास भी गलत रहा कि वह मजबूत कैबिनेट के बजाय चुनिंदा नौकरशाहों के दम पर पूरा देश चला लेंगे जैसा कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते गुजरात में किया था; आखिरकार जनता निराश हो गयी. अब लोगों के मन में अच्छे दिन अब तक नहीं आये की भावना आ गयी है. ब्रिटेन की लेबर पार्टी के लंबे समय तक सदस्य रहे मेघनाद देसाई ने कहा कि मोदी के पास बेहतरीन मौका था, लेकिन टीम भावना न होने के चलते वह कुछ नहीं कर सके.
बेहतर राजनीतिज्ञ पर अच्छे टीम प्लेयर नहीं
बेहतर राजनीतिज्ञ होते हुए भी नरेंद्र मोदी अच्छे टीम प्लेयर नहीं हैं. वह टीम लीडर भी नहीं हैं. वह एक जननेता हैं, लेकिन टीम लीडर नहीं. मेघनाद देसाई ने नरेंद्र मोदी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, उनके कैबिनेट में अरुण जेटली और सुषमा स्वराज को छोड़कर किसी के पास अनुभव भी नहीं है. मोदी को इस बात का आइडिया नहीं था कि परिस्थितियां इस हद तक कठिन हो जायेंगी और इस स्तर पर पहुंच जायेंगी कि दोबारा सत्ता में आने के लिए उन्हें कहना पड़ेगा. कहा कि तीन हिन्दी भाषी राज्यों में हार नरेंद्र मोदी को विनम्र बनाने के लिए पर्याप्त हैं. ब्रिटिश नेता मेघनाद देसाई ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ भी की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना में डॉक्टर मनमोहन सिंह की कैबिनेट को ज्यादा बेहतर और अनुभवी बताया; जानेमाने अर्थशास्त्री ने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कैबिनेट में प्रणब मुखर्जी, अर्जुन सिंह, शरद पवार और पी चिदंबरम समेत छह वरिष्ठ और अनुभवी मंत्री थे.
मेघनाद देसाई ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े विवादों को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की. कहा कि लगातार आरबीआई के दो गवर्नरों का चला जाना अच्छी बात नहीं है. मेघनाद देसाई ने आरबीआई एक्ट की धारा 7 को अमल में लाने के मोदी सरकार के कदम को भी गलत करार दिया; उन्होंने आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के भाषण का स्वागत करते हुए कहा कि यदि कोई सरकार प्रचंड मूर्खता करना चाहती है तो वह आरबीआई से पैसा लेकर किसानों का कर्जा माफ करने जैसी मूर्खता करे. इस क्रम में उन्होंने स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठन को आरबीआई बोर्ड में ज्यादा तरजीह देने पर भी आपत्ति जताई.