
Jamshedpur : पोटका प्रखंड के पथरचाकडी नरवा पहाड़ में आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था का एक दिवसीय बैठक देश परगना बाबा बैजू मुर्मू की अध्यक्षता में हुई. 12 नवंबर को राज भवन रांची के समक्ष धरना प्रदर्शन की समीक्षा 27 नवंबर को रांची में होगी. उसपर ही विचार-विमर्श किया गया. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव रोकने के लिए आगे की रणनीति भी बनायी गई. रांची की बैठक में विभिन्न जनजातीय समुदाय के अगुआ शामिल होंगे और आंदोलन को बृहद रूप तथा सफल करने के लिए रणनीति बनाएंगे. आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के अगुआ और समाज के बुद्धिजीवी उपस्थित रहेंगे. झारखण्ड के पांचवी अनुसूची में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को रद्द करने तथा आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को लागू करने के लिए विचार-विमर्श किया गया. संविधान के अनुच्छेद 13 (3) क के तहत रूढ़ी प्रथा (माझी पारगाना, मानकी मुंडा, डोकलो सोहर) पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था से संचालित होते हैं. गत वर्ष 2010 से झारखंड सरकार द्वारा पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव करा रही है. इससे हमारी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था का शांति और सुशासन समाप्त होने की पूर्ण संभावना है. समाज के अगुवा और समाज के बुद्धिजीवी और ग्रामीण झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं चाहते हैं. राज्यपाल और मुख्यमंत्री से निवेदन किया जा है. संविधान में प्रदत्त पांचवी अनुसूची के प्रावधानों को पूर्णतः लागू कर पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था “ग्रामसभा को सशक्त करें ताकि आदिवासी (अनुसूचित जनजाति) क्षेत्रों में शांति और सुशासन व्यवस्था कायम रहे.
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ये थे मौजूद
बैठक में मुख्य रूप से दसमत हांसदा जुगसलाई तोरोप, हारी पोदो मुर्मू असोंबनी तोरोप परगना, सुशिल हांसदा हल्डिपोखर तोरोप परगना, लाखन मार्डी दरकाल घाट परगना, दुर्गा चारण मुर्मू तालसा माझी बाबा, दीपक मुर्मू डिमना माझी बाबा, मोहान हांसदा माझी बाबा, लाखन सोरेन माझी बाबा, लेदेम किस्कू माझी बाबा, रामराय हांसदा, मधु सोरेन, नवीन मुर्मू आदि मौजूद थे.
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