
Jamshedpur : पिछले पांच वर्षों से पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है. आलम ये है कि पांच साल पूर्व जो पेट्रोल 6़0 रुपए में था, वह आज 100.13 रुपए लीटर में बिक रहा है. पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमत से विभिन्न सेक्टर्स में महंगाई का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. अब जल्द ही स्वास्थ्य सेवाओं पर भी इसका असर पड़ सकता है, जिससे मरीजों के लिए आफत खड़ी हो सकती है.
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सरकार को वहन करना पड़ रहा अतिरिक्त भार
पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमत से झारखंड सरकार को एम्बुलेंस परिचालन में अतिरिक्त भार वहन करना पड़ रहा है. 2016-17 में गरीब परिवार के मरीजों को लाने ले जाने के लिए एमजीएम अस्पताल प्रबंधन ने जो एम्बुलेंस परिचालन का रेट चार्ट लागू किया था, उसमें प्रति किलोमीटर 7 रुपये के दर से सामान्य एंबुलेंस एवं 8 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से एम्बुलेंस का भाड़ा तय किया गया था. पर अब पेट्रोल की कीमत 100 रुपए के पार होने के कारण एम्बुलेंस लाने-ले जाने में सरकार का अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ रहा है. जहां पूर्व में रांची आने-जाने में 2100 का पेट्रोल लगता था, वहीं अब 3000 रुपए का पेट्रोल भरवाना पड़ता है. फिलहाल तो अस्पताल प्रबंधन की ओर से एम्बुलेंस भाड़ा नहीं बढ़ाया गया है, पर अगर इसी प्रकार पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ती रही तो जल्द ही एम्बुलेंस का भाड़ा बढ़ सकता है. ऐसे में गरीब तबके के मरीजों के लिए भारी आफत खड़ी हो सकती है.
प्राइवेट एम्बुलेंस चालकों ने बढ़ाया किराया
इधर पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने से प्राइवेट एम्बुलेंस चालकों ने किराए में वृद्धि कर दी है. रांची और कोलकाता ले जाने के लिए अब मरीजों से अतिरिक्त किराया वसूला जा रहा है. हालांकि इस संदर्भ में अबतक प्रशासन की ओर से कोई अनुमति नहीं ली गई है.
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