
Ranchi: लॉक डाउन के कारण हजारीबाग जिले की अडरा पंचायत में मास्क का संकट खड़ा होने पर मुखिया पिंटू रानी सपरिवार मास्क बनाने बैठ गयी हैं.
26 मार्च से लॉक डाउन शुरू होते ही गांव में मनमानी कीमत पर मास्क की बिक्री स्थानीय दुकानदार करने लगे थे. ग्रामीणों की जरूरतों के अनुसार पर्याप्त मात्रा में मास्क मिल भी नहीं रहा था.
ऊपर से प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला शुरू हो गया. अब भी कई आने शेष हैं. ऐसे में पिंटू रानी ने सिलाई मशीन थाम ली है. सबों को अब निःशुल्क मास्क दिये जाने का काम शुरू है.
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40 प्रवासी श्रमिकों को भी दिया गया है मास्क
मुखिया पिंटू रानी के अनुसार लॉक डाउन के बाद 40 प्रवासी श्रमिक अडरा लौटे थे. पहले तो सबों को गांव के एक स्कूल में 14 दिनों तक क्वारेंटाइन किया गया.
डॉक्टरों की सलाह के बाद फ़िलहाल सभी अपने अपने घरों में ही रह रहे हैं. उन सबों को मास्क उपलब्ध कराया जा चुका है. गांव में कुछ दिन पहले तक एक मास्क के लिए कुछ दुकानदार 30 रुपये या इससे अधिक ले रहे थे.
ऐसे में गांव के लोगों की सहूलियत के लिए खुद से ही मास्क सिलाई करने की योजना बनायी. पिछले 3 दिनों से उनके घर में ही मास्क सिलाई का काम जारी है.
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मास्क लगाकर और साफ-सफाई के बीच ही होता है सिलाई का काम
पिंटू रानी के घर में उनके देवर राहुल मेहरा, दामाद केदार दास भी मास्क सिलाई के काम में लगे हैं. पति, भतीजी सहित कुल 7 लोग इस काम में सहयोग कर रहे हैं. हर दिन 20-25 मास्क तैयार किये जाते हैं.
इसके लिए मुखिया ने एक दुकान से अपने ही खर्चे पर कपड़े ख़रीदे हैं. सिलाई के दौरान चेहरे पर मास्क पहनने के अलावा साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है.
सिलाई के बाद डॉक्टर की सलाह पर उसे मेडिकेटेड करने के बाद गांव में परिवारों के बीच उसे निःशुल्क बांटा जा रहा है.
150 से अधिक श्रमिकों के गांव लौटने की है संभावना
पिंटू रानी के अनुसार अब भी 150 से अधिक प्रवासी श्रमिक दूसरे जगहों पर फंसे हुए हैं. लॉक डाउन ख़त्म होते ही संभव है कि इससे पूर्व गाँव आ जायें. ऐसे में उनके लिए भी मास्क तैयार रखने की कोशिश है.
अभी उनका लक्ष्य 300 मास्क तैयार करने का है. पंचायत में 13 वार्ड हैं. लगभग 6000 की आबादी है. हर किसी के पास मास्क की सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश पंचायत आपसी समझ से कर रही है.
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